लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही यहां पर सभी राजनैतिक पार्टियां रणनीति तैयार करने में लगी हुई हैं। सपा, बसपा के अलावा मिशन 2022 के लिए छोटे दलों ने भी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने मुलाकात की तो सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया।
दोनों एक एक शादी समारोह में मिले और उनके बीच आधे घंटे तक गुफ्तगू हुई। इसकी एक वजह यह भी है कि शिवपाल यादव की पार्टी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में किसके साथ लड़ेगी, इसका संकेत मिल रहा है।
इस दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि हमारी मुलाकात ओवैसी से हुई है, मैं पहले भी बोल चुका हूं कि समान विचारधारा के लोग और सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ आकर भाजपा को प्रदेश व देश से उखाड़ फेंकना चाहिए। इस समय यह जरूरत भी है। मैंने अखिलेश से भी यही कहा कि सबको जोड़ें। शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि हम सपा में विलय नहीं करेंगे, बल्कि गठबंधन करेंगे।
पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर व एआईएमएआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का यूपी में धर्म निरपेक्ष दलों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। एआईएमआईएम और सुभासपा ने वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव, भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले मिलकर लड़ने का समझौता किया है और छोटे दलों को जोड़ने के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा एक मुहिम चला रहा है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे साथ में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं, वह यूपी का साथ में दौरा भी करने लगे हैं। जनवरी में ही ओवैसी और राजभर ने साथ में पूर्वांचल का दौरा किया था और छोटे दालों को साथ लाने की कवायद में जुटे हैं।
ओवैसी और राजभर आम आदमी पार्टी के साथ ही अन्य छोटे दलों जैसे शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा और कृष्णा पटेल के अपना दल का साथ लेने की तैयारी में हैं। ऐसे में शिवपाल यादव से ओवैसी की मुलाकात नए गठबंधन की तरफ इशारा कर रही है। राजभर पूरे प्रदेश में घूमकर एक राजनीतिक विकल्प देने की कोशिश में जुटे हैं।
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