श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के वकील और टीवी पैनलिस्ट बाबर कादरी की हत्या के मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। तीन कैदियों ने पुलिस को बताया कि 24 सितंबर को उनकी हत्या का आदेश 'केंद्रीय जेल, श्रीनगर' से आया था। तीनों ने हत्या का आदेश देने वाले लोगों के नामों का भी खुलासा किया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा वकील और टेलीविजन पैनलिस्ट की हत्या की जांच के लिए गठित एक विशेष टीम ने श्रीनगर केंद्रीय जेल से दो लोगों को भी गिरफ्तार किया था और उनकी पहचान हातिमुल्ला कुपवाड़ा के अब्दुल अज़ान वार के पुत्र मुनीर अज़ीज़ वार उर्फ कारी के रूप में भी की थी। दूसरा आरोपी शमीगर के परिमपोरा के गुलाम मोहम्मद शाह का बेटे तौसीफ अहमद शाह था। पुलिस जांच कर रही है कि इन व्यक्तियों ने केंद्रीय जेल के अंदर से आदेश कैसे पारित किया।
जिन दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है, वे एक पथराव और हत्या के मामले में जेल में थे। कादरी की हत्या को अंजाम देने के लिए जेल के बाहर किसी से आदेश मिलने पर पुलिस भी जांच कर रही है।
कादरी ने अपनी जान को खतरा होने की दी थी चेतावनी
24 सितंबर को अपने आवास पर कादरी की दो नकाबपोश लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो एक केस के सिलसिले में उनकी राय लेने के लिए उनके घर में दाखिल हुए थे। उन्होंने कादरी से कहा कि वे एक दुर्घटना से संबंधित मामले पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने पिस्तौल निकालकर उनके सिर में गोली मार दी। कादरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें 'मृत घोषित' कर दिया गया।
21 सितंबर को अपने आखिरी ट्वीट में कादरी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को टैग किया था और कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा, "मैं राज्य पुलिस प्रशासन से इस शाह नजीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करता हूं, जिन्होंने मेरे काम करने का गलत प्रसार किया है। यह असत्य बयान मेरे जीवन के लिए खतरा बन सकता है।"
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