नई दिल्ली: न्यूज 24 के कार्यक्रम मंथन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2020 में यूपी और केंद्र सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि 2020 में दुनिया ने महामारी कोरोना का मुकाबला किया है। प्रधानमंत्री की अगुवाई में देश ने इस चुनौती से उबरने में सफलता हासिल की है। इस महामारी ने दुनिया के कई देशों को झकझोर दिया है, लेकिन भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में नया मुकाम हासिल किया है। इस साल में 500 साल पुराना विवाद खत्म हुआ और पीएम मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी। इसके साथ ही आत्म निर्भर भारत के तहत युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया।
"किसान आंदोलन"
हमको ध्यान में रखना होगा कि मांग वहीं पर होती है, जहां पर संभावना नजर आती है। 2004 से 2014 तक लाखों किसानों ने आत्महत्या की थी, लेकिन 2014 के बाद किसानों के लिए पीएम मोदी ने योजना लागू की। स्वय हेल्थ कॉर्ड के लिए पीएम मोदी ने लैब स्थापित की। बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, पीएम कुसुम योजना, लागत का डेढ़ गुणा दाम यह सभी मोदी के कार्यकाल में ही हुआ।
कृषि कानून और एमएसपी के बीच में खालिद उमर कहां से आ जाते हैं। मेधा पाटकर और योगेंद्र यादव कृषि कानून में कहां से आ जाते हैं। भोले-भाले किसानों को आगे करके यह लोग निशाना साधने का प्रयास करना चाहते हैं। इस समस्या का संवाद से समाधान निकलेगा और सरकार इस बात के लिए तैयार है। किसानों को सरकार के साथ बैठना चाहिए।
किसान आंदोलन को लेकर यूपी के अंदर कोई मार्ग बंद नहीं है और ना ही दिल्ली जाने को लेकर कोई आवागमन बाधित हुआ है।
"2022 में फिर जीतेंगे:
2017 के विधानसभा, 2019 के लोकसभा चुनाव और दो बार हुए उपचुनावों में प्रदेश की जनता ने यह दिखा दिया है कि एक बार फिर 2022 में बीजेपी की सरकार बनेगी।
लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। जिसने काम किया होगा उसको वोट मिलेंगे। हमारी कोई ए या बी टीम नहीं है, हमारी टीम बीजेपी हैं और हम अपनी पार्टी के मुद्दों के साथ आगे बढ़ते हैं।
हर नेता और दल को अपनी बात कहने आ अधिकार है। बीजेपी जिन सहयोगियों के साथ यूपी में हैं और इन्हीं दलों के साथ आगे का चुनाव लड़ा जाएगा। मायावती कई बार प्रदेश की सीएम रही हैं और उनको पता है कि कहां से उनको राजनैतिक लाभ होगा।
जनता के द्वारा ठुकराए गए लोग ट्वीटर पर बोल सकते हैं। सपा की असलियत जनता देख चुकी है। इन्होंने यूपी के किसान और युवाओं के साथ क्या किया है। एक खानदान किसी भी भर्ती के लिए झोला लेकर निकल पड़ता था। उनको कुल लेकर चिड़ हैं कि वह जो नहीं कर पाएं, हमने कर दिखाया। वह दोपहर के बाद काम शुरू करते थे और 5 बजे खत्म कर देते थे, तो ऐसे लोगों से यूपी नहीं चलेगा। सपा के समय में सत्ता से ही सुरक्षा का खतरा था। सपा ने आतंकवादियों को छोड़ने की वकालत की। पौने 4 लाख युवाओं को नौकरी दे चुके हैं।
"मुजफ्फनगर के दंगाइयों को करते थे सम्मानित"
यह लोग मुजफ्फनगर के दंगा करने वाले लोगों को सम्मानित करते थे। अपराधी के पलायन करने पर सपा को बुरा लग रहा होगा, क्योंकि यह कुछ लोगों के लिए वसूली करते थे। कुछ लोगों ने जाति के नाम पर नौकरी दी थी, वह हमारे ऊपर क्या सवाल खड़े करेंगे। हम किसी धर्म को ध्यान में रखकर नीति नहीं बनाते है। लव जिहाद कानून किसी बालिका को धोखे से या नाम बदलकर छल करने पर सजा मिलेगी, चाहे वह किसी के खिलाफ भी हो।
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