के.जे.श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन ने जयपुर पहुंचकर सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत सोमवार को वे पीसीसी पहुंचकर कांग्रेस पदाधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान अजय माकन के साथ डोटासरा व अन्य पदाधिकारी भी मौजूद हैं। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने अविनाश पांडे की जगह अजय माकन को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया है।
उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलेट खेमे के बीच के मनमुटाव को दूर करने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। ताकि सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बनाकर आगे बढ़ा जा सके। गहलोत सरकार के मंत्रियों के साथ कई बड़े नेताओं से भी पहले दिन अजय माकन ने मुलाकात करके जताने की कोशिश की है कि वे राजनीति के साथ साथ सामाजिक बेलेंस को बनकर आगे बढ़ेंगे। बकायद पहले दिन ही ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला को बैठक में बुलाकर उन्होंने बिजली और पानी से जुड़े आम जनता के मुद्दों को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा किये जा रहे कोशिशों की जानकारी ली।
कहा जा रहा है की पार्टी के विधानसभा के “संकल्पपत्र” को भी उन्होंने मंगवाकर पढ़ा ताकि समझ सकें कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जनता से क्या वादा किया था और इस दिशा में अब करीब 2 साल बाद कितना काम किया गया है। ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, विधायक परसराम मोरदिया, दीपेन्द्र सिंह शेखावत सहित कई बड़े नताओ ने अजय माकन के साथ चर्चा कर उन्हें विभाग, सरकार और पार्टी के कामकाज के बारे में फीडबैक दिया।
इससे पहले रविवार को माकन सबसे पहले सीएमआर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले थे। इस मुलाकात के बाद उनका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ रात्रि भोज का कार्यक्रम भी रखा गया था। गहलोत से शिष्टाचार मुलाकात के बाद माकन, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मिलने उनके आवास गए। अजय माकन मंगलवार से संभागवार विधायकों और पदाधिकारियों से मिलेंगे। मंगलवार को जयपुर संभाग और बुधवार को अजमेर संभाग के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
अजय माकन के पहली बार जयपुर आने को लेकर सचिन पायलेट खेमे के लोग खासे उत्साहित हैं। इन सभी ने सचिन पायलट के बगावती सुर अपनाने के साथ ही अपने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि अब सचिन पायलेट खेमे के समर्थक फिर से सत्ता और संगठन में अपनी वापसी को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पीसीसी दफ्तर के बाहर जितने भी पोस्टर लगे थे, उनमें से 80 फीसदी पोस्टर सचिन पायलट गुट के उन नेताओं के थे जो की राजनीतिक संकट के दौरान अपना पद से इस्तीफा दे चुके थे।
कहा जा रहा है कि सचिन उपमुख्यमंत्री का पद दोबारा लेने के इच्छुक नहीं हैं और ना ही गहलोत उन्हें फिर से इस कुर्सी पर बैठना चाहेंगे। लेकिन अशोक गहलोत के खिलाफ आवाज मुखर करके अपनी ही सरकार को संकट में डालने वाले पायलट यह जरूर चाहते हैं कि कम से कम उनके साथ बर्खास्त किए गए मंत्रियों को फिर से केबिनेट में शामिल कर दिया जाए।
सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट 5 केबिनेट और 2 राज्य मंत्री का पद अपने समर्थकों के लिए चाहते हैं। उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्तगी से पहले सचिन पायलट के पास ग्रामीण विकास और पंचायत राज जैसे अहम विभाग थे। ऊपर से उनका साथ देने के चलते पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और पूर्व खाद्य मंत्री रमेश मीना के लिए भी केबिनेट में फिर से जगह की मांग पायलट खुलकर कर चुके हैं। राजस्थान के सभी 6 संभागों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद अजय माकन एआईसीसी द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय कोर कमेटी में सामने अपनी राजस्थान में पार्टी और सरकार की स्थिति से जुड़ी अपनी बात रखेंगे और उसके बाद ही तय हो पाएगा कि पायलट के समर्थकों को कितनी तरजीह दी जाती है।
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