नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन 16वें दिन भी जारी है। 5 दौर की वार्ता के बाद भी किसान यूनियन और केंद्र सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर देश भर में व्यापक अभियान की योजना बनाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों के साथ 700 से ज्यादा बैठक करेगी।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन को बड़ा झटका देने के लिए 700 जिलों में 100 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 किसानों की बैठक करेगी। मंत्रिमंडल के मंत्री भी इस अभियान में हिस्सा लेंगे।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि कृषि कानून पर किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए सरकार के उपायों को लोगों को बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा कृषि कानूनों के बारे में लोगों से सवाल-जवाब भी करेगी।
किसानों ने बुधवार को कृषि कानूनों में संशोधन के केंद्र के लिखित प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपने विरोध को तेज करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि नेताओं से प्रस्तावों पर विचार करने का आग्रह किया और कहा कि वह उनके साथ आगे की चर्चा के लिए तैयार हैं।
तोमर ने गुरुवार को कहा, "सरकार नए कानूनों में किसी भी प्रावधान पर विचार करने के लिए तैयार है, किसानों के पास कोई भी मुद्दा हो और हम उनकी सभी आशंकाओं को स्पष्ट करना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "हम किसान नेताओं के सुझाव का इंतजार करते रहे, लेकिन वे कानून के रद्द पर अड़े हुए हैं।"
किसानों का कहना है कि कानून उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्यों से वंचित करेंगे और उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देंगे। किसान लंबे समय से कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर रहे हैं और दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में अभी तक कम से कम पांच किसानों की मौत हुई हैं।
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