विशाल एंग्रीस। चंडीगढ़। एनआईए द्वारा पंजाब में लोगों को समन जारी करने को लेकर सियासत तेज हो गई है। पंजाब कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार पर सियासी हमला बोल रहे हैं। वहीं अकाली दल भी इन नोटिस को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किए हुए हैं। पंजाब सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र के ढांचे को तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह चाहती है कि किसी भी तरह किसानों का आंदोलन खत्म किया जाए और इसे लेकर वह समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों को समन जारी कर रही है।
पंजाब में एनआईए ने सौ से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया है जिसमे किसानों के प्रदर्शन से जुड़े अलग-अलग वर्ग के लोग हैं। इसपर मंत्री रंधावा ने कहा कि खालसा एड जो कि एक इंटरनेशनल संस्था है और यह पूरी दुनिया भर में काम करती है ,उसको भी समन जारी किया है। रंधावा ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार जबरदस्ती इस आंदोलन को कुचलना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले किसानों को खालिस्तानी ,माओवादी कहा लेकिन जब बात नहीं बनी तो अब इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के द्वारा इस आंदोलन को कुचलने की तैयारी कर रही है।
वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि जो केंद्र सरकार कर रही है वह सरकार का उचित कदम नहीं है। जो किसान प्रदर्शन कर रहा है अगर उसकी सहायता के लिए लोग नहीं आएंगे तो कौन आएगा। जिस तरह से फंडिंग की जांच एनआईए करना चाहती है तो पंजाब से बाहर भी विदेशों में लोग बैठे हैं वह किसानों की सहायता कर रहे हैं। इसमें गलत क्या है। सरकार को अपनी जांच एजेंसियां का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए करना चाहिए ना कि लोगों के खिलाफ।
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