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दिलीप शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार, संपादन सलाहकार
देश के पहले जनरल बिपिन रावत का देशवासियों के मन में कितना सम्मान था, यह उनकी अंतिम यात्रा को देखकर पता चला। लोग दौड़ रहे थे, फूल बरसा रहे थे। दुर्घटना के बाद से उनके सरकारी निवास पर अनगिनत लोग पहुंचे। भीड़ लगी रही, लोग नारे लगा रहे थे। पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल रावत का राजनेताओं के समान अन्तिम यात्रा निकली। यह उनके देशप्रेम, देश भक्ति, साहस, वीरता, दूरदर्शिता और कुशल रणनीतिज्ञ का ही परिणाम है। यह तो पहली बार में हादसा लगता है। हैलीकॉप्टर खराब मौसम में पहाड़ी जंगलों में घुस गया, इसलिए दुर्घटना हुई। इसका विवेक की दृष्टि से विवेचना जरूरी है। दुनिया का सबसे बेहतरीन आधुनिक हैलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, यह सोचकर कितना अजीब लगता है।
दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष इसी हैलीकॉप्टर से आते-जाते हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इसी हैलीकॉप्टर से उड़ते हैं। हैलीकॉप्टर की उड़ान से पहले सूक्ष्मतम जांच की जाती है जबकि कोई वीआईपी जा रहा हो, तब तो गहनता से जांच की जाती है। सभी कल-पुर्जे ठीक से काम कर रहे हैं इसकी जांच की जाती है। विमान हैलीकॉप्टर का ट्रायल लिया जाता है। फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी यह जांच के बाद पता चलेगा।
ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डाटा रिकार्डर ) मिल गया है। अंतिम सात मिनट में क्या हुआ (दुर्घटना के पहले) उसी से पता चलेगा। एटीसी से कब सम्पर्क टूट गया था। किन परिस्थितयों में यह हादसा हुआ यह जांच में पता चलेगा। कुछ रक्षा विषेशज्ञों तीन सेनाओं के पूर्व वरिष्ठतम अधिकारियों ने इस दुर्घटना पर सवाल उठाए हैं। साजिश के इशारे का बयान सामने आया है।
दुनिया का सर्वोतम आधुनिक तकनीक वाला हैलीकॉप्टर की दुर्घटना हो ही नहीं सकती है। साजिश के तहत हादसा कराया गया है। यह बयान सामने आए है। पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने आरोप यहां तक लगाया है कि एलटीटीई (लिट्टे ) के स्लीपर सेल ने यह हादसा कराया है। स्लीपर सेल उसी इलाके में एक्टिव है। तामिलनाडु में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी इसी तरह यह हादसा हुआ है। कुछ लोग चीन और पाकिस्तान की ओर इशारा करते हैं। डोकलाम सर्जिकल स्ट्राइक से दोनों देश के निशाने पर आ गए थे।
जनवरी में ताइवान 2020 में रक्षा प्रमुख इसी तरह दुर्घटना का शिकार हुए थे। चीन पर उंगली उठना स्वाभाविक था चीन का दुश्मन नंबर एक ताइवान है। लिट्टे पाकिस्तान के माध्यम से चीन से संपर्क कर रहा है। इसी आशंका की जांच का एक पहलू बनाया जा सकता है। अब यह साफ हो गया है अंतरराष्ट्रीय साजिश की बू इस हादसे से आने लगी है। राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रमुख होता है इसके बाद सीडीएस का नंबर आता है प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री का नंबर तकनीकी रूप से बाद में आता है।
इतनी बड़ी वीआईपी का उड़ान से पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है, आखिर इसमें कैसे चूक हो गई है मौसम तो अचानक नहीं बिगड़ा होगा। इसके पूर्व अंतरराष्ट्रीय साजिश होते रही है, पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह जनरल जिया उल हक भी इसी तरह हैलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए थे। तब अमेरिका की तरफ उंगली उठी थी। अमेरिका की तरफ उंगली उठ सकती है, क्योंकि वो किसी और देश को इतना मजबूत नहीं देखना चाहता है कि वो अपने पैरों पर खड़ा हो सके। चीन का भी यही रवैया है। पहले रूस का भी यही रवैया रहा है। अब रूस पहले स्थान पर नहीं रहा है।
एक और संयोग रहा है, जब दुर्घटना स्थल से पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से लाए जा रहे थे तब एक एम्बुलेंस पहाड़ी से टकरा गई थी, तब टीवी पर इस पर सवाल उठे कि इस हादसा में साजिश की आशंका है। एक बात और सामने आई है कि पुलवामा अटैक की जांच रिपोर्ट जनरल रावत के पास पहुंच गई थी। उसमें कोई ऐसी बात है, जो दुर्घटना का कारण बनी हो....ये जांच का पहलू भी हो सकता है। यह एक अनुमान है कोई बात सच भी हो सकती है या असत्य भी हो सकती है।
जब राजतंत्र था, तो राजमहलों के षड़यंत्र सत्ता संघर्ष के बहुत से किस्से हैं। अपने ही अपनों का कत्ल करते थे। इसमें औरंगजेब का किस्सा विख्यात है कि उसने अपने भाईयों को ही मारा। अब लोकतंत्र है और सत्ता संघर्ष का रूप बदला है। बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार सीडीएस बनाया था। कितना चहेता अधिकारी रहा होगा। जब पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया था, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, उनके साथ गृहमंत्री और रक्षामंत्री ने भावभीनी श्रद्धांजलि।
ऐसे महान वीर योद्धा को शत -शत नमन!
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