नई दिल्ली: आज चीन के वुहान से SARS-CoV-2 वायरस आने के बाद भारत में लगे लॉकडाउन को एक साल पूरा हो गया है। हालांकि एक साल के अंदर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने कोरोना टीकाकरण शुरू कर दिया है और अपने नागरिकों को इस महामारी से बचाने के लिए भरकस प्रयास कर रहा है।
वर्तमान में भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित टीकाकरण लक्ष्य को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिसमें जुलाई के अंत तक 30 करोड़ नागरिकों को टीका लगाना है। नए नियम के साथ, 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को 1 अप्रैल से टीका लगना शुरू हो जाएगा।
(16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के तहत जनवरी से अभी तक 5.21 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन टीका लगा है, जिनमें से 13.54 लाख लोगों को शॉट्स बुधवार को दिए गए थे।)
जब पीएम मोदी ने 25 मार्च 2020 से कड़े लॉकडाउन के उपायों की घोषणा की, तो लाखों गरीब प्रवासियों को रातोंरात रोजगार छोड़कर शहरों से बड़े पैमाने पर गांवों की तरफ पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोग सैंकड़ों किलोमीटर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े थे, जिसने स्थिति को भयावह कर दिया था।
भारत इसके लिए तैयार नहीं था और उसने काफी नुकसान झेला है। एक साल बाद सख्त प्रतिबंधों को मंदी की अर्थव्यवस्था से बाहर निकालने में ढील दी गई, क्योंकि इस साल फरवरी तक लगातार सक्रिय मामलों में गिरावट देखी गई।
अब तक भारत ने 1.17 करोड़ से अधिक कोविड-19 मामले दर्ज किए हैं, जोकि संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा सबसे अधिक संक्रमित और दुनिया भर में सबसे कम मृत्यु दर में से एक है। देश में अब तक कोरोना से 1.6 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।
(भारत में एक दिन पहले 47,262 नए कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए थे, जोकि 2021 में सबसे अधिक एकल-दिवसीय मामले हैं।)
केंद्र सरकार का मानना है कि उन्होंने पिछले साल सितंबर में महामारी का सबसे बुरा हाल देखा था, इस बात का संकेत देते हुए कि हम दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में भारत ने दुनिया भर में लाखों टीकों का निर्यात किया, लेकिन संक्रमण में अचानक वृद्धि - फरवरी की शुरुआत में 9,000 से लेकर अब एक दिन में 50,000 तक ने इस मामले में खतरे की घंटी बजा दी है।
महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई, एक बार फिर एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है, पिछले 24 घंटों में 31,855 नए मामले देखे गए (महामारी शुरू होने के बाद से राज्य का सर्वोच्च एक दिवसीय रैली) और अधिकारियों को फिर से जिला स्तर पर लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
चिंताजनक तथ्य यह है कि केंद्र ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के मौजूदा विदेशी वेरिएंट के अलावा, भारत में अकेले मुंबई में डबल म्यूटेंट वायरस की उपस्थिति को स्वीकार किया।
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