नई दिल्लीः दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। आम आदमी पार्टी की सरकार ही उत्तर प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ सुविधाओं में सुधार ला सकती है। साथ ही मनीष सिसोदिया ने उत्तर प्रदेश में मंत्रियो कि ओर से शिक्षा के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती को भी स्वीकार करते हुए ऐलान किया कि 22 दिसंबर को मंगलवार के दिन यूपी के लखनऊ में आ रहा हूं।
मंगलवार को यूपी के सीएम या किसी भी मंत्री से शिक्षा के मुद्दे पर ओपन डिबेट के लिए तैयार हूं। मनीष सिसोदिया ने बुधवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यूपी में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यूपी में स्वास्थ, बिजली और पानी की हालत बहुत की ज्यादा ख़राब है। राजनेता और अपराधी मिलकर काम कर रहे है तो यूपी के मंत्री प्रतिक्रिया देने आगे आये और स्कूल, हॉस्पिटल की बात रखी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे बड़ी ख़ुशी हुई कि 70 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि यूपी के किसी मंत्री या नेता ने शिक्षा और स्वास्थ की बात की।आखिर किसी भी तरह उनके मुँह से शिक्षा और स्वास्थ की बात तो निकली।यूपी के शिक्षा मंत्री ने यूपी सरकार कि ओर से स्कूलों में किये गए कामो का गुणगान किया,यदि सरकार का गुणगान करने से स्कूलों की हालत सुधरती तो सभी सरकारें स्कूलों की हालत सुधार चुकी होती।
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा का बजट बढ़ाने से, टीचरों को सम्मान और सुविधा देने से से ही स्कूलों की स्थिति को सुधारा जा सकता है।स्कूल के प्रिंसीपल को ट्रेनिंग,सुविधा और अधिकार देने से ही स्कूलों की हालत सुधर सकती है। इस दौरान उन्होंने यूपी के सरकारी स्कूलों की हालत पर प्रकाशित रिपोर्ट और अखबारों में छपी खबरों की प्रतिया भी मीडिया प्रतिनिधियों को दिखाई।साथ ही बताया कि यूपी के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के नाम पर बच्चो को रोटियों के साथ नमक दिया जाता है।
यह खबर अख़बार में प्रकाशित हुई तो यूपी सरकार ने खबर छापने वाले पत्रकार को जेल में डाल दिया। नीति आयोग कि रिपोर्ट के बारे में बताते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति आयोग ने भी माना कि यूपी के कई सरकारी स्कूल तो तबेला बन चुके है,जिनमे पशु बंधे रहते है।यूपी के 50 हजार स्कूलों में फर्नीचर नहीं है।
35 हजार स्कूलों में बाउंड्री वाल नहीं है, 60 हजार स्कूलों में बिजली नहीं है। हजारो स्कूलों में महिला और पुरुषो के अलग अलग शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो के भविष्य की तस्वीर साफ नजर आती है। उन्होंने सरकारी स्कूलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपने कुल बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर वहन करती है।
देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य सरकार ने कुल बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया है।आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के स्कूलों की हालत सुधारी है।स्कूल की बिल्डिंग को ठीक किया है,टीचरों को सम्मान दिया है।
शिक्षकों को फिनलैंड,हारवर्ड,केम्ब्रिज,जर्मनी और सिंगापूर में ट्रेनिंग दिलवाई है,जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12वी क्लास का रिजल्ट 98 प्रतिशत रहा। एक क्लास में पढ़ने वाले करीब 80 स्टूडेंट्स में से एक तिहाई बच्चो ने इस बार नीट का एग्जाम क्लियर किया है।एक क्लास के 5 बच्चो को आईआईटी में दाखिला मिला है।
यूपी के सरकारी स्कूलों में इस तरह के परिणाम सामने आते हो तो मैं यूपी के शिक्षा मंत्री या मुख्यमंत्री से शिक्षा के मुद्दे पर बहस करने को तैयार हूँ,लेकिन यूपी के मंत्रियो से अपील है कि मुझे बहस के लिए निमंत्रण दिया है तो खुद इस बहस से पीछे मत हटना। श्सिसोदिया ने कहा कि यूपी सरकार अपने पिछले चार साल के कार्यकाल में सुधरे गए किन्ही भी 10 स्कूलों की लिस्ट दिखाए जिनकी विजिट की जा सके।
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