इंद्रजीत सिंह, मुंबई : शिवसेना ने एकबार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने इसबार अपने मुख पत्र सामना के जरिए बीजेपी पर ये हमला किया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने संपादकीय में कहा कि शरजील को हथकड़ी लगेगी। निश्चिंत रहो। दरअसल पिछले महीने पुणे में एल्गार परिषद में एएमयू के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने भारत और हिंदू धर्म के खिलाफ उकसाने वाले भाषण दिया जिसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति तेज है। इस सिलसिले में बीजेपी राज्य में सत्तारुढ़ शिवसेना से कार्रवाई की मांग कर रही है।
गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ अभी IPC की धारा 153-ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उस्मानी पर पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। उस्मानी पर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने वाले और भड़काऊ भाषण देने को आरोप है. 30 जनवरी को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक आयोजित की गई थी। शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखता है कि ‘एल्गार’ नामक एक टोली पुणे में इकट्ठा की जाती है, उसके मंच से भड़काने का काम किया जाता है नाम एल्गार, लेकिन काम हिंदुत्वविरोधी पिपहरी बजाना। वहां कोई शरजील उस्मानी नामक युवक आया और उसने इस विषय पर प्रवचन झाड़ा कि हमारे देश का हिंदुत्व कैसे सड़ चुका है, एसी भाषा महाराष्ट्र सहन नहीं करेगा।
शिवसेना ने आगे लिखा है कि विरोधी दल नेता देवेंद्र फडणवीस चिल्लाकर कहते हैं, ‘एक युवक राज्य में आता है, छाती ठोंककर हिंदुत्व पर छींटाकशी करता है और चला जाता है। उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। यह बात आश्चर्यजनक है और समूचे राज्य की चिंता बढ़ानेवाला तथा सबका सिर शर्म से झुका देनेवाला है।’ फडणवीस का कहना है कि शरजील को पकड़कर महाराष्ट्र में लाओ। शाबाश देंवेद्र जी! आपने सरकार के ‘मन की बात’ व्यक्त कर दी।
सामना में आगे लिखा गया है कि शरजील नामक बकरे को घसीटकर यहां लाकर उस पर कठोर कार्रवाई करने की इच्छा सबकी है लेकिन इतना हाय-तोबा मचाने की आवश्यकता नहीं है। हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका है क्या, उनका यह सवाल सही है छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में तो बिल्कुल नहीं। लेकिन दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान गत 90 दिनों से सड़कों पर पड़े हुए हैं। वे सारे किसान हिंदू ही हैं। उन हिन्दू और सिख किसानों को सम्मान से घर वापस कब भेजोगे, यह बताओ। रास्ते पर आया किसान अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है। अब उनका पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया गया। उनके सामने कीलें बिछा दी गई। इसे समस्त हिंदू किसानों का सम्मान कहा जाय क्या?
साथ ही सामना में लिखा गया है कि शरजील जैसे कमअक्ल बकरों के मजाक उड़ाने से हिंदुत्व का तेज कम नहीं होगा। महाराष्ट्र में शिवसेना है ही। सरकार के सूत्रधार ठाकरे हैं। इसलिए कानून और हाथ में डंडा भी है। हिंदुत्व पर किसी भी प्रकार का हमला कोई सहन नहीं करेगा। लेकिन सवाल यह है कि शरजील जैसे हिंदुत्वद्रोही गंदगी का उद्गम होता कहां से है? उसके सूत्र आखिरकार योगी राज्य से जुड़ते हैं। यह शरजील भी अब भागकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में छिप गया है। हिंदुत्वविरोधी कार्रवाइयों की फैक्ट्री उत्तर में है और वहां तैयार हुआ माल देशभर में जाता रहता है।
अपने संपादकीय में शिवसेना ने आगे लिखा है कि हिंदुत्व विरोधी लोगों पर महाराष्ट्र दबिश देगा ही। लेकिन थोड़ी-सी जिम्मेदारी योगी राज्य की भी है। उस भाग कर छिपे शरजील को महाराष्ट्र पुलिस के हवाले करने की जिम्मेदारी उनकी है और इस काम में कोई हस्तक्षेप न करे। क्योंकि महाराष्ट्र किसी आरोपी पर कार्रवाई करता है और अन्य राज्य के भाजपाशासक उन आरोपियों को विशेष सुरक्षा कवच मुहैया कराते हैं, ऐसा अब बार-बार होने लगा है। इसीलिए आशंका भी है कि कहीं शरजील को भी विशेष सुरक्षा तो नहीं मिलेगी! क्या यह बात श्री फडणवीस को पता नहीं है? कल तक वे भी सत्ताधीश थे। उनके मन में तो महाराष्ट्र पुलिस की क्षमता को लेकर आशंका नहीं होनी चाहिए। शरजील को हथकड़ी लगेगी ही। निश्चिंत रहो!
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