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मुंबई: भले ही महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार अस्थिर दिख रही है, लेकिन शिवसेना नेता संजय राउत इस बीच दावा कर रहे हैं कि पार्टी अभी भी मजबूत है और जो भी विद्रोही हैं वो बाल ठाकरे के भक्त नहीं थे।
राउत ने गुरुवार सुबह एएनआई को बताया, 'लगभग 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं। जब वे मुंबई आएंगे, तो आपको पता चल जाएगा।' उन्होंने कहा, 'जल्द ही यह खुलासा हो जाएगा कि ये विधायक किन परिस्थितियों और दबाव में हमें छोड़कर चले गए।'
इस बीच, शिवसेना के तीन और विधायकों ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के लिए मुंबई छोड़ दिया है। शिंदे खेमे में अब स्पष्ट रूप से पार्टी के 55 में से 40 विधायक हैं, जिसका अर्थ है कि वे असली शिवसेना होने का दावा कर सकता है क्योंकि उसके पास दलबदल विरोधी कानून के तहत आवश्यक 2/3 ताकत है। बागियों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर एकनाथ शिंदे को अपना नेता घोषित कर दिया है।
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इस खेमे के समर्थन से, भाजपा 2019 में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन से हारने के बाद राज्य में सत्ता में वापस आ सकती है। भाजपा ने अब तक दावा किया है कि उसका इस उथलपुथल से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने सुझाव दिया है कि बागी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया जाए।
शिवसेना नेता संजय राउत, 'आज भी हमारी पार्टी मजबूत है। किस हालात और किस दबाव में उन लोगों ने हमारा साथ छोड़ा उसका खुलासा जल्द होगा... हमारे संपर्क में लगभग 20 विधायक हैं और जब वे मुंबई आएंगे तब इसका खुलासा होगा। जो ED के दबाव में पार्टी छोड़ता है वह बालासाहेब का भक्त नहीं हो सकता।'
राउत ने आगे कहा, 'यहां तक कि हम पर भी ईडी का दबाव है लेकिन हम उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे। जब फ्लोर टेस्ट होगा तो सभी देखेंगे कि कौन सकारात्मक है और कौन नकारात्मक।'
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