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News24
जयपुर, (16 मार्च) केजे श्रीवत्सन: राजस्थान अपने एतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए पहचाना जाता है जहाँ पर साल भर देशी- विदेशी पर्यटकों की चहल पहल रहती है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते राजस्थान के इसी पर्यटन उद्योग को अब तक 1500 करोड़ रूपये से भी ज्यादा का झटका लग चूका है। होटलों की 80 फीसदी से ज्यादा की बुकिंग केंसल हो चुकी है नतीजा पर्यटक स्थल अब सुनसान पड़े हुए हैं। कुछ पर्यटक नज़र आ रहे हैं, वो भी पूरी सुरक्षा के साथ बाहर निकलते है।
जयपुर के विवेक विहार स्थित लक्ष्मी विलास होटल की बात करें तो यहा इस मौसम में हर साल इस जगह पर पर्यटकों की इतने भीड़ होती थी की होटल के सभी 50 कमरे खचाखच भरे रहते थे। और कर्मचारियों को पर्यटकों की मेहमान नवाजी से फुर्सत ही नहीं मिलती, लेकिन अब इस होटल के 50 से में केवल और केवल 3 कमरे में ही बुकिंग है। बाकी सभी पिछले एक हफ्ते से खाली पड़े है। क्योंकी जहाँ दूतावासों ने भारत आए अपने सभी पर्यटकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है वहीँ नए वीजा अब भारत सरकार जारी ही नहीं कर रही है। कमोबेश यही हालत राजस्थान के सभी छोटे बड़े होटलों की है जहाँ पर लगातार बुकिंग केंसल होने के चलते उनमे सन्नाटा पसरा हुआ है।
कोरोना वायरस का लोगों में खौफ इस कदर है की गुलाबी शहर जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, माउंट आबू , फतेह्पूर जैसे सभी पर्यटक स्थलों पर अब पर्यटकों की संख्या बेहद ही कम होने के चलते अब राजस्थान की आर्थिक स्थिति पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। यहाँ पर फरवरी और मार्च महीने में सैलानियों की खूब आवाजाही होती है। लेकिन अब मानों सैलानियों के लिए सजने वाले जगहों की रौनक ही अब गायब हो गयी है। छोटे से लेकर बड़े सभी होटलों में भी 90 फीसदी तक बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक जोधपुर में जहाँ पिछले डेढ़ महीनों में 4 हज़ार से भी कम सैलानी आए, वहीँ जैसलमेर में भी 53 फीसदी तक पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
रंथौम्भौर राष्ट्रिय उद्यान में टायगर को देखने 2 लाख की तुलना में डेढ़ लाख से भी कम पर्यटक ही पहुँच पाए। पिछले साल होली पर पुष्कर की होली में शामिल होने 7 हार विदेशी पर्यटक आए थे लेकिन इस बार केवल 3 हज़ार पर्यटक ही मौजूद थे। इसी तरह शेखावटी के आने वाली सीकर, झुंझुनू, मांडवा फतेहपुर में 20 हज़ार की तुलना में केवल 4 हज़ार ही पर्यटक पहुंचे। जबकि झीलों की नगरी उदयपुर में फरवरी के आखिर सप्ताह तक जहाँ 22 हज़ार 676 पर्यटक मौजूद थे वहीँ कोरोना की दहशत के चलते यह आंकड़ा अब 4 हज़ार के आस पास ही है। पुराने ग्रुप भी अगले तीन चार दिनों में राजस्थान से बाहर चले जायेंगे ऐसे में पर्यटन स्थलों के सुनसान होने का डर सामने आ रहा है। ऊपर से जयपुर और चेन्नई में होने वाले जवेल्री शो और दिल्ली में होने वाले हेंडीक्राफ्ट शो को रद्द किये जाने से 1000 करोड़ रूपये के नुक्सान की आशंका जताई जा रही है। शायद यही कारनहै को होटल से जुड़े लोगों ने अब सरकार से सहायता की गुहार लगा दी है की वे इस नुक्सान की बहर्पायी के लिए उनसे लाईसेंस फीस और दुसरे राशि स्थिति ठीक होने तक न वसुले। जाहिर है की होटलों के साथ बाज़ार भी सुने हैं और आशंका है की अगले दो महीने तक शायद यही हालत देखने को मिले। लेकिन सभी इस बात को लेकर सरकार के साथ है की कोरोना वायरस से निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों से अच्छे दिन की जरुर वापसी होगी।
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