प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर असंतोष जताया है। आज इस मामले पर एकबार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मोरेटोरियम के दौरान लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज के मामले में शीर्ष न्यायालय ने कहा कि केंद्र की ओर से दायर हलफनामा याचिकार्ताओं द्वारा उठाए गए कई मुद्दों का समाधान नहीं करता है। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 12 अक्टूबर तक हलफनामा जारी करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
केंद्र सरकार के हलफनामे पर असंतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों से निपटा नहीं गया है। रिजर्व बैंक या फिर किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा कोई परिणामी सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि कामत कमिटी की सिफारिशों को हमारे सामने पेश नहीं किया गया है। RBI उन सिफारिशों को सार्वजनिक करें जिन्हें मान लिया गया है।
दरअसल सरकार ने जो हलफनाम कोर्ट में पेश किया है उससे सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं है। कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार के हलफनामें में यह साफ नहीं है कि सरकार पूरे मामले को किस रणनीति के तहत ग्राहकों को फायदा पहुंचाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते का समय देते हुए कहा कि सरकार ने जो ब्याज पर राहत देने की बात कही है। उसपर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं जारी किया गया है। कोर्ट ने एक हफ्ते का समय देते हुए साफ किया है कि सरकार नया हलफनामा दाखिल करें जिसमे ब्याज माफी के मामले की पूरी स्पष्ट रुपरेखा हो।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरटोरियम अवधि के दौरान लोन के ब्याज पर ब्याज लेने के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 5 अक्टूबर यानी आज के लिए स्थगित की थी। पिछली सुनवाई के दौरान वरिष्ठ एडवोकेट राजीव दत्ता ने कहा था कि केंद्र सरकार इस मामले में कोई ठोस फैसला नहीं ले पाई है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना पेश करने को कहा गया था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि MSME कर्ज, एजूकेशन, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग लोन पर लागू कंपाउंडिंग इंट्रेस्ट को माफ किया जाएगा। सरकारी हलफनामे के मुताबिक 6 महीने के लोन मोराटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी। केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में ब्याज की छूट का भार सरकार वहन करे केवल यही समाधान है। साथ ही केंद्र ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।
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