नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए शादी समारोह में लोगों की संख्या को 200 से घटाकर 50 कर दिया है। केजरीवाल सरकार के इस प्रस्ताव को एलजी ने भी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से कुछ दिनों के लिए बाजारों को बंद करने की अनुमति देने की मांग की है, जो COVID-19 हॉटस्पॉट के रूप में उभर सकते हैं।
इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना के मामलों पर काबू करने के लिए गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली में 10 टीमों का गठन किया है, जोकि राजधानी के 100 अस्पतालों का दौरा करेगी। इसके साथ ही कोरोना के लिए 250 ICU बेड्स भी बढ़ाए गए है। वहीं शकूरबस्ती अस्पताल में 800 बेड बढ़ाए गए है।
दिल्ली ने केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए शादियों में 200 लोगों को अनुमति दी थी। लेकिन अब 50 लोगों की पहले की सीमा पर वापस जाने का फैसला किया है। केजरीवाल सरकार ने मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को प्रस्ताव भेजा था, जिसको मंजूरी मिल गई है।
पिछले दिन की तुलना में मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में ताजा कोरोना वायरस मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई। सोमवार को 3,797 मामलों के बाद शहर में मंगलवार को 6,396 मामले दर्ज किए गए, क्योंकि परीक्षणों की संख्या 30,000 से 49,031 हो गई।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज दोपहर कहा, लॉकडाउन "कोविद-19 के खिलाफ लड़ाई में समाधान नहीं है।" सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली सरकार का लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। हमारा मानना है कि लॉकडाउन COVID19 के खिलाफ लड़ाई में समाधान नहीं है। बेहतर अस्पताल प्रबंधन और बेहतर चिकित्सा प्रणाली समाधान है। हमारी सरकार ने चिकित्सा प्रणाली को अच्छी तरह से प्रबंधित किया है और भविष्य में भी करेगी।''
उन्होंने कहा, "मैं दुकानदारों को आश्वस्त करना चाहता हूं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। हम चाहते हैं कि आपकी दुकानें खुली रहें। यदि आवश्यक हो, तो कुछ बाजारों में नियमों को बढ़ाया जाएगा - यही हमने केंद्र से अनुरोध किया था। लेकिन किसी भी तरीके से लॉकडाउन नहीं होगा।"
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी लॉकडाउन की अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि शहर में फिर से "लॉकडाउन" नहीं लगाया जाएगा। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोई लॉकडाउन नहीं होगी, लेकिन कुछ स्थानों पर "स्थानीय प्रतिबंध" की संभावना है। उनका यह बयान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्र को लिखे जाने के एक दिन बाद आया है, जब उन्होंने कहा कि यदि बाजार हॉटस्पॉट में बदल जाते हैं, तो उन्हें बाजारों को बंद करना होगा।
विशेषज्ञों ने बाजार की जगहों पर लोगों की भीड़ को में वर्तमान उछाल को जिम्मेदार ठहराया है। स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि न केवल गिरावट के मामलों की पूर्ण संख्या है, बल्कि सकारात्मकता दर - जो इस उछाल के दौरान 15.33% के उच्च स्तर को छू गई थी - भी गिरावट पर है।
मंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन की तुलना में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मास्क बेहतर हैं। लॉकडाउन एक प्रयोग था और हमने इससे जो सीखा है, वह यह है कि मास्क पहनने से हमें वही लाभ मिल सकते हैं। वैज्ञानिक रूप से, वायरस को रोकने के लिए मास्क सबसे अच्छा तरीका है। कोविड-19 अस्पतालों में सबसे कम सकारात्मकता दर्ज की गई है, क्योंकि वहां के डॉक्टर सावधानियों का पालन करते हैं। यदि हर कोई सावधानियों का पालन करता है, तो संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है।”
मंत्री ने यह भी कहा कि छठ पूजा मनाने से यह फैल सकता है, इसलिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, ''छठ पूजा के दौरान बड़ी भीड़ के कारण वायरस आसानी से फैल सकता है।''
वहीं दिल्ली में सार्वजनिक छठ पूजा पर लगी रोक को लेकर बीजेपी ने आम आमदी पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। बीजेपी एमपी मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि कोरोना का ख्याल उस वक्त केजरीवाल को क्यों नहीं आया, जब वो अपनी कैबिनेट के साथ दीपावली मना रहे हैं। तिवारी ने कहा कि इस फैसले का जवाब जनता देगी।
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