नई दिल्ली: मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई एक विशेष कैबिनेट बैठक में एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल, 2020 को मंजूरी दे दी है। अब इस विधेयक को विधानसभा में लाया जाएगा। 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र प्रस्तावित है।
नए एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 के तहत, नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की युवती का जबरन धर्म परिवर्तन करने पर न्यूनतम 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ-साथ 2 से 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "नए विधेयक के तहत, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए 2-10 साल की कैद और न्यूनतम 50000 रुपये का जुर्माना लगेगा।" नए कानून में कुल 19 प्रावधान है और धर्म परिवर्तन मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन यदि शिकायत करेंगे तो पुलिस उसपर कार्रवाई करेगी।
योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद एंटी लव जिहाद कानून को मंजूरी देने वाला मध्य प्रदेश भाजपा का तीसरा राज्य बन गया है।
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा लव जिहाद के खिलाफ धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 के गैरकानूनी रूप से धर्मांतरण में लाने के अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तीन दिन बाद नवंबर में कानून को मंजूरी दी थी, जबकि हिमाचल प्रदेश में भी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाया गया है।
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