रांची: चारा घोटाला मामले में जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू यादव को अब डायलिसिस से गुजरना पड़ सकता है, क्योंकि उनकी दोनों किडनी केवल 25 फीसदी काम कर रही हैं। रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में लालू का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि राजद प्रमुख की दोनों किडनी के काम करने में कोई सुधार नहीं हुआ है और उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, "हमने इस संबंध में सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को सूचित कर दिया है। इससे पहले, उनकी किडनी 35 फीसदी काम कर रही थी, जो अब घटकर 25 फीसदी रह गई है। गुर्दे की बीमारी चौथे स्टेज में पहुंच गई है।"
डॉक्टर ने कहा कि लालू को जब रिम्स में भर्ती कराया गया था, तो उस समय उनकी किडनी का कार्य स्तर तीसरे चरण में था और डॉक्टरों की देखरेख में दो साल तक इसने बेहतर तरीके से कार्य किया।
लालू का इलाज अगस्त, 2018 से ही रिम्स के पेइंग वार्ड में चल रहा है। उन्हें सितंबर में रिम्स निदेशक के बंगले में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन बिहार भाजपा के एक विधायक को कथित रूप से टेलीफोन किए जाने की शिकायत के बाद उन्हें फिर से पेइंग वार्ड में भेज दिया गया।
पिछले हफ्ते, सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय से कहा कि लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में वापस भेजा जाए, क्योंकि उनकी हालत ठीक है और उनका इलाज जेल में भी किया जा सकता है।
राजद के बिहार प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, "उनकी हालत ठीक नहीं है और डॉक्टर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने उनसे रिम्स में मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा था।"
गगन ने कहा, "डॉक्टर परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं। लालू यादव को डायलिसिस के लिए सुझाव दिया गया है।"
राजद के एक अन्य प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "यह राजद परिवार के लिए चिंता का विषय है। अदालत से अनुमति लेने के बाद लालूजी के परिवार के सदस्य जल्द ही रांची जा सकते हैं।"
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