कुंदन सिंह, नई दिल्ली: आज दो अक्टूबर है। आज राष्ट्रपति महात्मा गांधी के साथ-साथ देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती है। उनकी सादगी अपने आप में मिसाल है। ईमानदारी और स्वाभिमानी छवि की वजह से आज भी उन्हें बहुत सम्मान के साथ याद किया जाता है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विजय घाट जाकर उनके समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी को याद करते हुए लिखा, 'लाल बहादुर शास्त्री जी विनम्र और दृढ़ थे। उन्होंने सादगी को महत्व दिया और हमारे राष्ट्र के कल्याण के लिए जीया। हम उनकी जयंती पर उन्हें भारत के लिए किए गए हर काम के लिए कृतज्ञता की भावना के साथ याद करते हैं।'
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी विजय घाट जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि, 'पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनकी स्मृति को नमन। भारत माता के उस महान सपूत ने अभूतपूर्व समर्पण और सत्यनिष्ठा से देश की सेवा की। हरित क्रांति व श्वेत क्रांति में मूलभूत भूमिका और युद्धकाल में सुदृढ़ नेतृत्व के लिए सभी देशवासी उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते है।'
गृह मंत्री अमित शाह ने भी शास्त्री जी को नमन किया है। अमित शाह ने शास्त्री को नमन करते हुए ट्वीट कर कहा है कि 'भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी का सादगीपूर्ण, दूरदर्शी व निडर व्यक्तित्व पूरे देश को प्रेरित करता है। उनके हिमालय जैसे मजबूत नेतृत्व और ‘जय जवान जय किसान’ के ओजस्वी नारे ने भारत की समृद्धि व सुरक्षा के दो सबसे बड़े स्तंभ... किसानों और जवानों को सशक्त किया। उन्हें कोटि-कोटि नमन।'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ने शास्त्री को नमन करते हुए ट्वीट किया है। राजनाथ सिंह ने लिखा है कि, 'पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीजी एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने सादगी, सरलता, सत्य-निष्ठा एवं सहजता जैसे जीवन मूल्यों को आजीवन जिया। देश के प्रति उनका जो योगदान है वह हम सभी के लिए प्रेरणा है। शास्त्रीजी की जयंती पर मैं उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'
आपको बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के एक छोटे से गांव मुगलसराय में हुआ था। जय जवान जय किसान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री का बचपन गरीबी में गुजरा. भारत की आजादी के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने विभिन्न राष्ट्रीय आन्दोलनों नमक सत्यग्रह और आसहयोग आन्दोलन में भाग लिया। उन्होंने सदैव अपना जीवन सादगी से जीते हुए, इसे अपनी मातृभूमि के सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
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