कुंदन सिंह, नई दिल्ली: कृषि कानून किसानों का प्रदर्शन का आज चौथा दिन भी जारी है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी में निरंकारी आश्रम तक आने की इजाजत दी है,लेकिन ज्यादातर किसान सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर जमे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि हमें जंतर मंतर जाने की इजाजत दी जाए, नहीं तो यहीं प्रदर्शन करेंगे।
इन सबके बीच किसान अब से थोड़ी देर बाद तकरीबन बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के साथ-साथ आगें की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक करने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही तय होगा किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा। उसके बाद ही तय होगा कि किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे या सुरक्षित इलाके में जाएंगे।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार शाम प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करते हुए कहा था कि अगर किसान संगठन ये चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे 3 दिसंबर से पहले बात करे तो वे दिल्ली पुलिस द्वारा तय की जगह पर आ जाएं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार उनसे बातचीत करेगी।
आपको बता दें कि किसान सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वह सड़क पर उतरे हैं। पंजाब की सीमा से लेकर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए, लेकिन सरकार ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। किसान इसपर राजी नहीं हैं। वे सिंधु बॉर्डर पर जम हुए हैं।
किसानों ने शनिवार को भी बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड पर जाने से इनकार कर दिया और कहा है कि उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उन्हें जंतर-मंतर पर जाने की इजाजत नहीं दी जाती, वे दिल्ली के बॉर्डर पर ही जमे रहेंगे। किसानों के इस रूख़ के कारण सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। इससे पहले हरियाणा और पंजाब के किसान शुक्रवार रात भर और शनिवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जमे रहे।
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