रमन झा, नई दिल्ली : सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। लेकिन अबतक सरकार और किसान के बीच इस मसले को सुलझाने के लिए अबतक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े हैं। किसानों को जहां कृषि कानून को रद्द करने के सिवाय कुछ भी मंजूर नहीं है वहीं सरकार ने साफ किया है कि वो इस कानून में संशोधन तो कर सकते हैं लेकिन किसी भी सूरत में कृषि कानून वापस नहीं होगा।
इस बीच किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए विपक्षी दलों के पांच नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेगा। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत केवल पांच विपक्षी नेताओं को ही राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए बुधवार शाम पांच बजे बुलाया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा और द्रमुक नेता इलानगोवान विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के नुमाइंदे को भी विपक्षी दल में शामिल किए जाने की गुंजाइश बनाई जा रही है।
सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष के पांच नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे और कृषि बिल के प्रति अपनी चिंता से उन्हें अवगत करायेंगे। उन्होंने कहा कि देश में कृषि बिल को लेकर जिस तरह किसान आंदोलित हैं, यह उचित नहीं है। देश के किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सिर्फ पांच ही नेता को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत दी गयी है।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड से मुलाकात कर विपक्षी दलों के नेता विवादित तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करेंगे। विपक्षी नेता राष्ट्रपति से इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की बात भी उठाएंगे। आपको बता दें कि किसानों के समर्थन में लगातार विपक्षी दलों के नेता लामबंद हो रहे हैं। मंगलवार को किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद को 24 विपक्षी दलों ने समर्थन किया था।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.