प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली : नए साल में भी किसानों का आंदोलन जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 38वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच अबतक कई चरणों की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान जहां अभी भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सरकार भी कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है।
इन सबके बीच चार जनवरी को केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच अहम बैठक होने जा रही है। सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच आठवें दौर की बैठक 4 जनवरी को होगी। उम्मीद है कि उस बैठक में दोनों पक्षों के बीच इस विवाद को लेकर कोई निर्णायक फैसला हो जाएगा।
सरकार के साथ होने वाली इस बैठक से पहले किसान संगठनों के नेताओं ने अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सिंधु बॉर्डर पर बैठक की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि 4 जनवरी को किसानों और सरकार की बैठक में अगर कोई फैसला नहीं होता है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।
आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अबतक सात दौर की बातचीत हो चुके हैं लेकिन तमाम कोशिशें बेनतीजा रही है। किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह हटाने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार कानूनों को हटाने की जगह उनमें संशोधन करने की बात कह रही है। किसान संगठन कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने की मांग से नीचे आने को तैयार नहीं हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.