मनीष कुमार, नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज 17वां दिन है। किसनों ने आज टोल प्लाजा फ्री और हाईवे जाम करने का ऐलान किया है। इसके तहत किसान आज दिल्ली-जयपुर हाइवे भी जाम कर सकते हैं। किसानों के इस ऐलान के मद्देनजर हाइवे पर 2000 से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए है। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। जहां सरकार कानून में संशोधन की बात कर रही है, वहीं किसान कानून को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
सरकार के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने सरकार को अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। किसानों ने आज दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक ठप करनी की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में किसानों ने टोल प्लाजा को घेरने का भी ऐलान किया है। किसानों के ऐलान को इसे देखते हुए गुरुग्राम और फरीदाबाद में पुलिस अलर्ट है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
इसके साथ ही किसानों ने 14 दिसंबर को डीसी ऑफिस और बीजेपी नेताओं के घरों का घेराव करने का भी ऐलान किया है। वहीं भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ये मनमाना, असांविधानिक और किसान विरोधी हैं। उधर, कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों ने सरकार के प्रस्ताव का अब तक जवाब नहीं दिया है।
सराकार से कई दौर की वार्ता के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने पर मांग पर अड़े हुए हैं। दो दिन पहले सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुए किसानों ने 12 दिसंबर से दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने की धमकी दी थी। इस बीच किसान संगठनं का कहना है कि सरकार से बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन कानूनों वापसी के अलावा उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
किसान काआगे का प्लान
- कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
- देशभर में आंदोलन तेज होगा।
- दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम।
- सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा।
- रिलायंस के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की घोषणा।
- दिल्ली और आसपास के राज्यों से 'दिल्ली चलो' की हुंकार भरी जाएगी।
- 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे।
- दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को रोका जाएगा।
-14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा।
- 14 दिसंबर को बीजेपी ऑफिस का घेराव होगा।
- 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा।
जानिए क्या था सरकार का प्रस्ताव
पांच दौर की बातचीत के बाद सरकार की ओर से किसानों को लिखित में प्रस्ताव भेजा गया था। इस लिखित प्रस्ताव में एमएसपी की गारंटी समेत मंडी को लेकर वादे किए गए। कृषि कानूनों को वापस लेने पर तो सरकार राजी नहीं है, लेकिन संशोधन प्रस्तावों में एपीएमसी को मजबूत करने की बात है। विवाद की सूरत में स्थानीय अदालत जाने का अधिकार दिया गया है। पराली जलाने पर सख्त कानून में ढील की भी बात कही गई।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Google News.