प्रशांत देव, नई दिल्ली: कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है। बड़ी संख्या में देशभर के किसान 26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर डटे हुए हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कई राउंड की बातचीत के बाद भी कृषि कानून को लेकर किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। फिलहाल यह गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसान जहां कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार किसानों की मांगों पर इन कानूनों हर संभव संशोधन के लिए तैयार है। लेकिन किसान प्रतिनिधियों को कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। दोनों पक्षों के अड़ियल रूख के बाद यह आंदोलन और बढ़ता दिख रहा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एकबार फिर किसानों को बातचीत का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि किसान प्रतिनिधि अपनी जिद्द छोड़ें। उनके हर शंकाओं का समाधान होगा। गुरुवार शाम कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार करें और चर्चा के लिए आगे आयें। उन्हें जो दिक्कत है हम उनका समाधान करेंगे। कोई भी कानून पूरी तरह गलत नहीं होता, जिन पक्षों पर किसानों को आपत्ति है हम उनपर बात करने के लिए तैयार हैं। उन्हें कानून को रद्द करने की मांग छोड़कर अपनी समस्याओं पर बात करनी चाहिए। वे अगर मुद्दों पर बात करेंगे तो सरकार उनपर विचार करेगी। हमें किसानों की बहुत चिंता है। हमने प्रस्ताव में भी कहा है कि सरकार एमएसपी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। इसका भरोसा हम लिखित में भी दे सकते हैं। उन्हें कोई आशंका नहीं होनी चाहिए।
वहीं किसान प्रतिनिधियों ने एकबार सिर्फ साफ किया है कि उन्हें नया कृषि कानून नहीं चाहिए लिहाजा तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द किया जाए। साथ ही किसानों ने आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को और तेज करने की सरकार को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती है तो एक एक करके दिल्ली आने वाली हर सड़क को बंद किया जाएगा।
जानिए किसान प्रतिनिधियों का क्या है आगे का प्लान
- कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
- देशभर में आंदोलन तेज होगा।
- दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम।
- सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा।
- रिलायंस के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की घोषणा।
- दिल्ली और आसपास के राज्यों से 'दिल्ली चलो' की हुंकार भरी जाएगी।
- 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे।
- दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को रोका जाएगा।
-14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा।
- 14 दिसंबर को बीजेपी ऑफिस का घेराव होगा।
- 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा।
जानिए क्या था सरकार का प्रस्ताव
पांच दौर की बातचीत के बाद सरकार की ओर से किसानों को लिखित में प्रस्ताव भेजा गया था। इस लिखित प्रस्ताव में एमएसपी की गारंटी समेत मंडी को लेकर वादे किए गए। कृषि कानूनों को वापस लेने पर तो सरकार राजी नहीं है, लेकिन संशोधन प्रस्तावों में एपीएमसी को मजबूत करने की बात है। विवाद की सूरत में स्थानीय अदालत जाने का अधिकार दिया गया है। पराली जलाने पर सख्त कानून में ढील की भी बात कही गई।
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