वरुण सिन्हा, नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 71वां दिन है। बड़ी तादाद में किसान अब भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान अभी भी कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं इस मसले पर संसद में भी संग्राम शुरू हो गया है। विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा कराने और रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सिंघु बॉर्डर पर आज सुबह 11 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है। जिसमें किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। 6 फरवरी को किसानों ने नेशनल हाई-वे और स्टेट हाईवे को चक्का जाम का कार्यक्रम है। इसे लेकर आज किसानों के बीच चर्चा हो सकती है।
वहीं हरियाणा सरकार ने आज शाम 5 बजे तक कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत और झज्जर में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। यह फैसला बुधवार को देर शाम लिया गया था। इससे पहले बुधवार को किसान नेता राकेश टिकैत हरियाणा के जींद में महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। टिकैत का दावा है कि यह किसान आंदोलन अक्टूबर तक चलने वाला है।
जींद महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा हम खाप पंचायतों को मानने वाले हैं। न आफिस बदलेंगे, न मंच बदलेंगे। कीलों, फोर्स आदि का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि राजा डरता है तो किले बंदी करता है। सरकार की हिम्मत नहीं जो कीलों से हमें रोक सके। युद्ध में घोड़े नहीं बदलते। आपको दिल्ली जाने की जरुरत नहीं, अपना गुस्सा हमें दे दें।
आपको बता दें कि किसानों के आन्दोलन स्थल पर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। टिकरी बॉर्डर पर सड़क पर बड़ी-बड़ी कील लगाने के बाद प्रशासन ने सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडों को सीमेंट से जोड़ कर मोटी दीवार बना दी है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी दिल्ली की तरफ से कंटीली तारें लगा दी गई है। इस घेरेबंदी से स्थानीय आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं, आंदोलन कर रहे किसान भी एतराज जता रहे हैं। किसान संगठन घेरेबंदी में ढील दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
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