वरुण सिन्हा, नई दिल्ली : कड़ाके की सर्दी के बीच दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों की ट्रैक्टर रैली को दिल्ली पुलिस ने हरी झंडी दे दी है। दिल्ली पुलिस की इस अनुमति के बाद अब किसान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन कल ट्रैक्टर रैली निकाल सकेंगे। दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि किसान संगठनों के साथ कई दौर की वार्ता के बाद गणतंत्र दिवस पर उन्हें ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दे दी है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड समाप्त हो जाने के बाद सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटा दिया जाएगा और किसानों को उनके ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के अंदर 100 किमी तक आने की इजाजत होगी। यह मार्च करीब 100 किलोमीटर लंबा होगा। इस वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भारी ट्रैफिक, बैरिकेडिंग का सामना करना पड़ सकता है। इसको लेकर दिल्ली पुलिस के साथ- साथ हरियाण पुलिस ने भी एडवाइजरी जारी की है।
हरियाणा पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर लोगों को 25-27 जनवरी तक करनाल से दिल्ली और रोहतक से दिल्ली के बीच नेशनल हाइवे पर रुकावटों का सामना करना पड़ेगा। इस दौरान दौरान कुंडली, असौधा और बादली में इंटरचेंजेस पर ट्रैफिक मूवमेंट सुलभ नहीं होगा। लिहाजा किसी भी असुविधा से बचने के लिए इन तारीखों पर इन रास्तों का उपयोग नहीं करने की सलाह दी जा रही है।
नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ आने वाले ट्रैफिक को चिल्ला बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर को बंद रखा गया है। लोगों को आनंद विहार, डीएनडी, अपसरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर के रास्ते के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। चिल्ला बॉर्डर से दिल्ली की तरफ से नोएडा जा सकते हैं, लेकिन नोएडा से दिल्ली आने के लिए रास्ता बंद रहेगा। लोगों को न्यू अशोक नगर या डीएनडी की तरफ से आना होगा। वहीं हरियाणा के लिए दौराला, झरोडा (सिंगल रोड), कापसहेड़ा, बडुसराय, रजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले रहेंगे।
सिंघु, औचंदी, पियाउ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद रहेंगे। लोगों को लामपुर, सफियाबाद, पल्ला और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग लेने की सलाह दी गई है। मुकरबा और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। इसके साथ ही बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड और नेशनल हाईवे 44 से बचने की सलाह दी गई है। जबकि टीकरी, धनसा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं। झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया और पैदल चलने वालों के लिए खुले रहेंगे।
आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।
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