रमन कुमार, नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 16वां दिन है। 26 नवंबर से बड़ी ताताद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर डटे हुए हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच किसान आंदोलन के बीच कोरोना ने दस्तक दे दी है। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान फोर्स को लीड करने वाले दो आईपीएस (IPS) अधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो गए है। ये दोनों अधिकारी हैं आउटर-नॉर्थ के डीसीपी गौरव और एडीशनल डीसीपी घनश्याम बंसल हैं। दोनों कोरोना जांच पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल दोनों अधिकारी होम आइसोलेशन में हैं और उनका इलाज चल रहा है।
इससे पहले किसान आंदोलन में शामिल कई किसानों को तेज बुखार होने की खबरें आ चुकी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे धरने पर बैठे ऐसे किसानों की लिस्ट तैयार करें, जिन्हें तेज बुखार है। ऐसे किसानों की मुफ्त में कोरोना जांच की जाएगी। अगर कोई किसान संक्रमित मिलता है तो उसे उच्च स्तर पर इलाज की सुविधा दी जाएगी।
आपको बता दें कि बड़ी तादाद में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉडर पर 26 नवंबर से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए ये अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद से ही किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत समेत दिल्ली के कई बॉर्डर्स पर डटे हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा किसानों तक भी पहुंचने की पूरी संभावना है और अगर ऐसा होता है तो ये बहुत बड़ा मामला बन जाएगा, क्योंकि सिंघु बॉर्डर पर पहले ही किसानों की संख्या बहुत ज्यादा और अभी पंजाब और हरियाणा से किसानों का आना लगातार जारी है।
इस बीच फिलहाल किसानों का आंदोलन फिलहाल खत्म होता दिख नहीं रहा है। कई राउंड की बातचीत के बाद भी कृषि कानून को लेकर किसान प्रतिनिधियों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। किसान जहां कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार किसानों की मांगों पर इन कानूनों हर संभव संशोधन के लिए तैयार है। लेकिन किसान प्रतिनिधियों को कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। दोनों पक्षों के अड़ियल रूख के बाद यह आंदोलन और बढ़ता दिख रहा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एकबार फिर किसानों को बातचीत का न्योता दिया है। लेकिन उन्होंने कहा कि किसान प्रतिनिधि अपनी जिद्द छोड़ें। उनके हर शंकाओं का समाधान होगा। गुरुवार शाम कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार करें और चर्चा के लिए आगे आयें। उन्हें जो दिक्कत है हम उनका समाधान करेंगे। कोई भी कानून पूरी तरह गलत नहीं होता, जिन पक्षों पर किसानों को आपत्ति है हम उनपर बात करने के लिए तैयार हैं। उन्हें कानून को रद्द करने की मांग छोड़कर अपनी समस्याओं पर बात करनी चाहिए। वे अगर मुद्दों पर बात करेंगे तो सरकार उनपर विचार करेगी। हमें किसानों की बहुत चिंता है। हमने प्रस्ताव में भी कहा है कि सरकार एमएसपी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। इसका भरोसा हम लिखित में भी दे सकते हैं। उन्हें कोई आशंका नहीं होनी चाहिए।
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