अमित कुमार, नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रोटेस्ट की आड़ में भारत में दंगा कराने की अंतराष्ट्रीय साज़िश का खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कनाडा, यूके, जर्मनी और अमेरिका में स्थित पाकिस्तानी दूतावासों के जरिए खालिस्तानी आतंकियों के साथ कई राउंड की बैठक की थी।
सूत्रों ने यह भी बताया कि आईएसआई ने भारत में हो रहे किसानों के प्रोटेस्ट को अंतरराष्ट्रीय रंग देने के लिए भारत के कुछ ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल को साज़िश में शामिल किया। बैठक में ये फैसला किया गया था कि उन्हीं न्यूज़ पोर्टल को प्लान में शामिल करना है, जो मोदी सरकार के खिलाफ हैं और जो वामपंथी विचारधारा के है। इस कड़ी में कई भारतीय पत्रकारों को भी साज़िश में शामिल किया गया, जो लगातार पीटर फेडरिक के भारत विरोधी ट्वीट को अपने ट्वीटर हैन्डल से भी रिट्वीट करते रहे।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, पीटर फेडरिक के तमाम भारत विरोधी आर्टिकल को भारतीय न्यूज़ पोर्टल में एक साजिश के तहत जगह दी गई, जिससे मोदी सरकार पर हमले किये जा सके।
टूलकिट केस में चल रही जांच में दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों के रडार पर पीटर फ्रेडरिक भी है। जांच एजेंसियों के मुताबिक ग्रेटा थनबर्ग ने जिस टूलकिल दस्तावेज को ट्वीटर पर डाउनलोड कर बाद में डिलीट कर दिया था, उसकी जांच में पता चला है कि टूलकिट से पीटर फेडरिक नाम का एक विदेशी भी जुड़ा था।
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