नई दिल्ली: किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार और किसानों के बीच हुईं पिछली सभी चर्चाएं विफल हो गई हैं। किसान अब सामूहिक उपवास करने की बात कही है। इसके साथ ही हाइवे और रेलवे जाम करने की चेतावनी दी है।
इस बीच सिंघु सीमा पर भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा, हमें नजर रखने की जरूरत है ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हों। हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे।
किसान नेताओं ने कहा, केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने वालों में से 90 लोगों का खेती से कोई लेना-देना नहीं है। 10 किसान जो बैठक में उपस्थित थे उनके पास अन्य व्यवसाय भी हैं। उन्हें उत्तराखंड से एक राजनीतिक नेता द्वारा लाया गया।
किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जामिया के छात्र भी पहुंचे। गाजीपुर की सीमा पर पहुंचे छात्रों ने किसानों का समर्थन किया। इस पर टिकैत ने कहा, कुछ छात्र किसानों को समर्थन देने के लिए वहां आए थे, लेकिन उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह केवल किसानों का आंदोलन है। छात्र जल्द यहां से चले गए।
इधर, राजस्थान के किसानों ने दिल्ली जयपुर हाइवे जाम करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
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