नई दिल्ली: एलएसी पर पिछले चार महीने से तनाव की स्थिति बरकरार है। डेपसांग में भारत ने अब तक कोई क्षेत्र नहीं गंवाया है, लेकिन भारतीय सेना अपने इस क्षेत्र में 10-15 साल से ज्यादा समय से नहीं जा पाई है। एक अंग्रेजी अखबार का दावा है कि चीन ने टुकड़ियां तैनात कर भारतीय सेना की गश्त रोक दी।
बताया गया है कि डेपसांग प्लेन्स इलाके में चीन ने अपनी दो ब्रिगेड तैनात की हैं, जिससे भारत का अपने पारंपरिक पैट्रोलिंग पॉइंट पीपी 10 से लेकर 13 तक का संपर्क कट गया है। दावा है कि भारत का संपर्क अपने ही क्षेत्र से काटने की चीन की ये हरकत मौजूदा टकराव से कुछ हफ्ते पहले ही शुरू हुई थी।
बता दें कि डेपसांग प्लेन्स भारत के लिए बेहद अहम हैं। इसकी एक वजह ये है कि ये जगह पूर्व में काराकोरम पास के नजदीक स्थित कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्दी पोस्ट से महज 30 किलोमीटर दूर है। साथ ही डेपसांग प्लेन्स लद्दाख की पहाड़ी धरती पर इकलौती जगह है, जहां की जमीन बिल्कुल समतल है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि नियमित रूप से संघर्ष विराम उल्लंघन और घुसपैठ के अलावा पाकिस्तान सैनिकों की भीड़ तादाद नियंत्रण रेखा के पास, सियाचिन के पास, डेपसांग मैदानों के 80 किमी पश्चिम में स्थित है। भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा कि फिलहाल फोकस पूर्वी लद्दाख पर है, इस संभावना को पूरी तरह से सीज कर लिया गया है कि चीन एलएसी के साथ किसी अन्य जगह पर प्रवेश करने का प्रयास कर सकता है।
अधिकारी ने कहा, डेपसांग मैदान क्षेत्र में चीन ने दो ब्रिगेड तैनात किए और 10 से 13 पीपीएस तक भारत की पहुंच में कटौती की। यह भी महत्वपूर्ण है कि डेपसांग मैदानों में भारत पिछले 15 वर्षों में LAC तक नहीं पहुंच सका है। वह लगभग 972 वर्ग किमी है। भारतीय सैनिक मार्च में गश्त की सीमा तक पहुंच सकते हैं, लेकिन चीनी ने अप्रैल से पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है। भारतीय सैनिक उन गश्त बिंदुओं के बीच अब पहुंच नहीं सकते हैं, जो लंबवत रूप से लगभग 10 किमी है और क्षैतिज रूप से 4 से 5 किमी।
बीआरओ ने कसी कमर
एलएसी पर तनाव जारी रहने की स्थिति में सेना की सप्लाई चेन जारी रखने के लिए सीमा सड़क संगठन - बीआरओ ने कमर कस ली है। सर्दियों में लद्दाख का तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है। ऐसे में दौलत बेग ओल्डी और पैंगोंग को जोड़ने वाली सड़कों को ज्यादा से ज्यादा दिन खोले रखने की तैयारी है। इसके तहत श्रीनगर- जोजिला-करगिल-लेह एक्सिस रोड औसतन 95 दिन की जगह अब 45 दिन ही बंद रहेगी। बीआरओ ने पैंगोंग को जोड़ने वाली 17,000 फीट से ऊंची चांगला पास और खरदुंगला पास को बर्फ से साफ रखने का इंतजाम कर लिए हैं। दारचा-पदम-नीमू-लेह सड़क दिसंबर-जनवरी में भी बर्फ से मुक्त रखी रहेगी, ताकि चीनी सेना के किसी दुस्साहस के समय सप्लाई चेन बरकरार रहे।
चीन के जासूसी कांड पर सरकार सख्त
चीन की डेटा जासूसी पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। जासूसी को लेकर MEA ने भारत में चीनी राजदूत से मुलाकात की और सरकार की नाराजगी के बारे में बताया। साथ ही चीनी कंपनी झेन्हुआ के कामकाज को लेकर विरोध जताया। उधर केंद्र सरकार ने इस मामले में जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। जो 30 दिन में सरकार को रिपोर्ट देगी।
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