पवन मिश्रा, नई दिल्ली: इस समय लद्दाख में भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनाव की स्थिति बनी हुई हुई है। हालांकि दोनों देश बातचीत से मुद्दों को सुलझाने की बात कहते हुए लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन फिर भी चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। इसी को देखते हुए भारत ने एक अचूक हथियार लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है।
लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का 22वें सिपाही 2020 को केके रेंज, आर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन टैंक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इन परीक्षणों में एटीजीएम ने 3 किमी की दूरी पर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक हराया। लेजर निर्देशित एटीजीएम लॉक और सटीक हिट सटीकता सुनिश्चित करने के लिए लेजर की मदद से लक्ष्यों को ट्रैक करता है।
मिसाइल विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ईआरए) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को हराने के लिए एक महामहिम युद्ध की स्थिति को नियुक्त करती है। यह कई-प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षणों से गुजर रहा है।
आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) पुणे हाई एनर्जी मटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL) पुणे के सहयोग से और इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (IRDE) देहरादून ने मिसाइल विकसित की है।
केके रेंज में एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी। भारत को DRDO पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।
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