नई दिल्ली: वास्ताविक नियंत्रण रेखा (LAC) जारी तनाव के बीच पर कुछ नया हुआ है। चीन की बेचैनी खुलकर दुनिया के सामने आ गई है और ड्रैगन बौखलाकर गया है। भारत के रणबांकुरों ने LAC पर चीन को औकात दिखा दी और LOC पर जिनपिंग-खान की डबल साजिश को एक वार में ही ढेर कर दिया है। दूसरी तरफ सर्दी ने चीनियों की हालत खराब कर दी है। वो रणभूमि छोड़कर भाग रहे हैं।
एलएसी (LAC) पर लद्दाख के 5 से ज्यादा मोर्चों पर किसी भी वक्त जंग हो सकती है। भारतीय सेना ऊंची चोटियों पर तैनात है। सुखोई और राफेल जैसे घातक फायटर, चिनूक जैसे अटैक हेलीकॉप्टर और ग्लोबमास्टर जैसे मेगा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट दिन-रात एक्टिव हैं। आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- 'टच द स्काई विद ग्लोरी'।
जानकारी के मुताबिक सिर्फ चीन ही नहीं एक ही ऑपरेशन में पाकिस्तान को भी सबक सिखाने का पूरा WAR प्लान तैयार हो चुका है। भारतीय वायुसेना को सिर्फ फाइनल ऑर्डर का इंतजार है। भारतीय वायुसेना के एयरक्राफ्ट्स LAC पर दिन-रात उड़ान भर रहे हैं। वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट लगातार सैनिकों को फ्रंटलाइन तक पहुंचा रहे हैं। सर्दियों में डटे रहने के लिए पूरा राशन, गोलाबारूद और युद्ध के घातक हथियार पहुंचा रहे हैं।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और अटैक हेलीकॉप्टर वॉर एक्टिव हैं। ये तैयारी अकेले चीन को चित करने की नहीं है। क्योंकि चीन तो पहले ही सरेंडर के मोड में आ चुका है। खुद चीन के जनरल ने एक बहुत बड़ा खुलासा किया है कि उनकी ताकत हिंदुस्तान के मुकाबले आधी भी नहीं है।
भारतीय सेना एक नहीं, बल्कि दो-दो युद्धों की एक साथ तैयारी कर चुकी है। ये तय है कि चीन के खिलाफ जैसे ही आर पार का मोर्चा खुलेगा। चीन का पिछलग्गू पाकिस्तान भी LOC पर हरकतें करेगा। इसकी संभावनाएं काफी हैं कि पाकिस्तान और चीन एक साथ भारत के खिलाफ मोर्चा खोल दें। इसीलिए भारतीय वायुसेना एक साथ दोनों मोर्चों पर प्रतिकार करने की तैयारी कर चुकी है।
भारत ने ऐसा फॉरवर्ड एयरबेस तैयार किया है जहां से चीन और पाकिस्तान दोनों पर एक ही वक्त में हमला किया जा सकता है। ये एयरबेस पाकिस्तान से महज 50 किलोमीटर दूर है तो दौलत बेग ओल्डी से सिर्फ 80 किलोमीटर दूर और LOC से 2 मिनट दूर। यहां पर ट्रांसपोर्ट, फाइटर एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर की एक्टिविटी दिन-रात जारी है।
इस फॉरवर्ड एयरबेस तक खारडुंगला पास और श्योक नदी से होकर पहुंचा जाता है। यहां पर अभी तक सिर्फ सुखोई- 30 एमकेआई के ऑपरेशन जारी थे, लेकिन अब यहां ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-30जे सुपरहरकुलिस, ल्यूशिन-76 और एंटन-32 के ऑपरेशन दिन-रात जारी हैं। सुखोई एमकेआई 30, जैगुआर और मिराज, सी-17 ग्लोबमास्टर, चिनूक और अपाचे, इल्युशिन 76 और एंटोन 32 अलर्ट पर है।
जानकारों के मुताबिक चीन के इन एयरबेस की स्ट्रैजेटेजिक लोकेशन हिंदुस्तान के मुकाबले कमजोर है। इसीलिए चीन अब पाकिस्तान के एक एयरबेस का इस्तेमाल हिंदुस्तान पर अटैक के लिए कर सकता है। पाकिस्तान का ये एयरबेस पीओके में है। इसका नाम है स्कार्दू। यहां जून से ही चीन के एयरक्राफ्ट लगातार उतर रहे हैं। कभी रीफ्यूलिंग के बहाने तो कभी इमरजेंसी लैंडिंग के बहाने। लेकिन राफेल और सुखोई से लैस इंडियन एयरफोर्स डबल अटैक के लिए भी जबर्दस्त ट्रेंड है और दोनों मोर्चों पर ऑपरेशन को अंजाम दे सकती है।
अभी कुछ दिन पहले ही राफेल ने लद्दाख में उड़ान भरी थी। राफेल की इस उड़ान में भारतीय वायु सेना की मजबूती की झलक साफ साफ दिखी थी। पूर्वी लद्दाख से लगी सीमा पर चीनी सेना की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए थल सेना और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स चोटियों पर जमी है। इंडियन एयरफोर्स ने अपने लगभग सभी फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स को फॉरवर्ड एयरबेसेज पर तैनात कर रखा है। नौसेना भी अरब सागर, हिंद महासागर में चीनी नौसेना का मुकाबला करने को तैयार है। इसीलिए अब तक सिर्फ अपनी झूठी ताकत का प्रोपेगेंडा करने वाला चीन रिवर्स गियर में है।
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