नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद (India China Standoff) के बीच भारत के दोस्त अमेरिका ने चीन की सांसें थमा दी हैं। अमेरिका ने C-130J Super Hercules (सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस) कार्गो विमान के बेड़े के लिए नौ करोड़ यूएस डॉलर के कलपुर्जे, उपकरण, स्पेयर पार्ट्स और लॉजिस्टिक सहयोग खरीदने के लिए भारत को मंजूरी दे दी है। भारतीय सेना के लिए इस अपग्रेड वर्जन को काफी मददगार माना जा रहा है।
यह है खासियत
लॉकहीड मार्टिन कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि C-130J विमान भारी साजो सामान लेकर दुनिया के उन दुर्गम इलाकों में भी उतर सकते हैं, जहां पर कोई दूसरा जहाज नहीं उतर सकता। इस नए संस्करण में अफगानिस्तान और लीबिया सहित दुनियाभर के युद्धक्षेत्रों में भी देखा गया है। C-130J सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान भारतीय वायु सेना के लिए सैनिकों और उपकरणों की तैनाती में काफी मददगार रहे हैं, क्योंकि यह छोटे हवाई जहाजों का उपयोग करने और उतारने की क्षमता के लिए सबसे उन्नत विमान है।
C-130J सुपर हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट प्लेन भारतीय वायु सेना के लिए सैनिकों और उपकरणों की तैनाती के लिए काफी मददगार रहे हैं, क्योंकि यह भारतीय और पीएलए के बीच मौजूदा गतिरोध के दौरान एक ऐसी क्षमता का इस्तेमाल कर रहा था, जो छोटे हवाई जहाजों का इस्तेमाल करने में सक्षम थी। भारत ने जिन सामानों का ऑर्डर दिया है, उनमें एयरक्राफ्ट के लिए उपयोग किए जा सकने वाले पार्ट्स, रिपेयर और रिटर्न पार्ट्स, ग्राउंड सपोर्ट और उपकरण, CAD/PAD अग्निशामक कार्टरिज, फ्लेयर कार्टरिज, BBU-35/B कार्टिज इंपल्स स्क्बिस शामिल हैं।
भारत ने एक स्पेयर AN/ALR-56M एडवांस्ड रडार वॉर्निंग रिसीवर शिपसेट, स्पेयर AN/ALE-47 काउंटरमेजर डिस्पेंसर सिस्टम शिपसेट, 10 हल्के नाइटविजन बाइनाक्युलर (दूरबीन), 10 AN/AVS-9 नाइट विजन गॉगल (NVG)(F4949), जीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के लिए भी ऑर्डर दिया है।
भारत उन 17 देशों में से एक है, जिन्हें अमेरिका ने अपना सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान बेचा है। भारतीय वायु सेना के पास इस समय पांच सी130जे-30 विमानों का बेड़ा है। भारत ने छह और सी-130जे-30 सुपर हरक्यूलिस विमान का ऑर्डर दिया है। सौदे के मुताबिक अमेरिका भारत को C-130J Super Hercules की मरम्मत करेगा. साथ ही उनके स्पेयर पार्ट सप्लाई और ग्राउंड सपोर्ट का काम भी करेगा। भारत ने अमेरिका को एक AN/ALR-56M अडवांस रडार वार्निंग सिस्टम, 10 लाइटवेट नाइट विजन बाइनोक्यूलर, 10 नाइट विजन चश्मे, जीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर का भी ऑर्डर दिया है।
जानकारी के मुताबिक C-130J Super Hercules को स्पेयर पार्ट और सर्विस की सुविधा मिल जाने के बाद भारतीय वायु सेना के ये जहाज हर वक्त ऑपरेशन के लिए तैयार रहेंगे और इनका आकस्मिक परिस्थितियों में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अमेरिकी कानून के मुताबिक वहां दूसरे देशों के साथ होने वाले बड़े रक्षा सौदों को आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट के तहत रखा जाता है और सांसद 30 दिन के अंदर किसी भी डील को रिव्यू कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक अमेरिका के साथ हुए इस सौदे के तहत लॉकहीड मॉर्टिन कंपनी सेल-सर्विस का जिम्मा संभालेगी। भारत उन 17 देशों में शामिल है, जहां पर C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय वायु सेना के बेड़े में इस प्रकार के 5 विमान शामिल हैं।
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