नई दिल्ली: चीन ने दुनिया को कोरोना के रूप में ऐसी महामारी दी है, जिसके विश्व करहा रहा है। इस बीमारी से लोगों की बड़ी तादाद में जान जा रही है तो आर्थिक मोर्चों पर भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी हरकत की वजह से शी जिनपिंग के प्रति दुनिया में असंतोष पैदा हो गया हैं और चीन से लोगों का विश्वास उठ रहा है, इसकी एक बयानगी संयुक्त राष्ट्र में भी देखने को मिली। यहां पर विश्व समुदाय ने चीन को जबरदस्त झटका दिया।
दुनियाभर में महिला अधिकारों की संरक्षक मानी जानी वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था कमीशन फॉर स्टेट्स ऑफ वुमन (CSW) में सदस्यता के लिए हुए चुनाव में कल भारत ने चीन को हराकर सदस्यता हासिल कर ली। चीन को जीत के लिए ज़रूरी वोट की आधी वोट भी नहीं मिली।
कमीशन फॉर स्टेट्स ऑफ वुमन, संयुक्त राष्ट्र की ECOSOC यानी कि आर्थिक और सामाजिक परिषद का हिस्सा है। इसकी सदस्यता के लिए 45 देशों वाले कमीशन फॉर स्टेट्स ऑफ वुमन में चीन के बदले भारत को समर्थन साबित करता है कि विश्व जब मानवाधिकारों की बात करता है तो उसका विश्वास चीन से कही ज्यादा भारत पर है।
भारत और चीन के अलावा अफ़ग़ानिस्तान ने भी चुनाव लड़ा था और उसकी भी जीत हुई। अब भारत और अफ़ग़ानिस्तान 2021-25 तक चार साल CSW के सदस्य के रूप में दुनियाभर में महिला अधिकारों के संरक्षक के रूप में काम करेंगे।
चीन के खिलाफ जो बात गयी वो थी, चीन के भीतर महिला अधिकारों के हनन की सैंकड़ो दास्तान है। तमाम बंदिशों के बावजूद Xinkinag से लेकर इनर मंगोलिया और हांगकांग तक महिला अधिकारों के हनन की कहानियां अब दुनिया जान गई है। इसके साथ ही चीन पर उइगर मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार की बात भी कई बार सामने आ चुकी है।
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