मनीष कुमार, नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ पिछले छह महीने से जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सुरक्षा बलों ने गंभीर युद्ध के हालात में हथियारों और गोला-बारूद का भंडार बढ़ाने का फैसला किया है। अब 15 दिनों का गोला-बारूद इकठ्ठा करने का फैसला किया गया है।
भारत सरकार ने जंग के हिसाब से तीनों सेनाओं को 15 दिन की गोला-बारूद और हथियार जमा करने की छूट दे दी है। अब तक सेनाएं 10 दिन की जंग के हिसाब से हथियार जुटाती थी। बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने बड़ा कदम एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव और एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही उकसावे की कर्रवाई को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
चीन के साथ लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के हालात को देखते हुए भारत सरकार के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है। सरकार के इस फैसले से सेना अपनी जरूरत के मुताबिक, चीजों का स्टॉक और इमरजेंसी फाइनेंशियल पावर का इस्तेमाल कर सकेगी। देश के अलावा विदेश से भी 50 हजार करोड़ के हथियार खरीदने की योजना है।
इस नए अधिकार और आपातकालीन खरीद की शक्तियों का इस्तेमाल कर सेना अगले कुछ महीनों में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम खर्च करने वाली है। देसी और विदेशी स्त्रोतों से विभिन्न तरह के रक्षा उपकरण और गोला-बारूद खरीदे जाएंगे। सरकार का यह कदम चीन और पाकिस्तान के साथ टू-फ्रंट वॉर की संभावनाओं को देखते हुए तैयारी पुख्ता करने की दिशा में देखा जा रहा है।
सुरक्षा बलों ने गंभीर युद्ध के हालात में हथियारों और गोला-बारूद का भंडार बढ़ाने का फैसला किया है। अब 15 दिनों का गोला-बारूद इकठ्ठा करने का फैसला किया गया है।
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