मनीष कुमार, नई दिल्ली: देशवासियों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) की मानें तो इस साल देश में गेंहू का रिकॉर्ड 11.5 करोड़ टन उत्पादन हो सकता है। यह पिछले साल से तकरीबन सात फीसदी ज्यादा होगा। आईआईडब्ल्यूबीआर के मुताबिक रबी सीजन की फसलों के लिए मौसम अनुकूल है और गेहूं की बुआई में किसानों ने खूब दिलचस्पी ली है।
आईआईडब्ल्यूबीआर के इस आंकड़े से साफ है कि कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर तकरीबन तीन महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना पर बैठे हैं, लेकिन उनकी खेती-किसानी के काम पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि गेहूं के उत्पादन में देश में फिर एक नया रिकॉर्ड बनेगा और इस साल भारत का गेहूं उत्पादन करीब 11.5 करोड़ टन रहेगा बशर्ते आगे मौसम की कोई ऐसी मार न पड़े।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चौथे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में गेहूं का उत्पादन करीब 10.76 करोड़ टन आंका गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 'हमारे पास अब गेहूं की ऐसी वेरायटीज है जो देश के विभिन्न जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल है और अच्छी पैदावार देती है। मसलन, गेहूं की डीबीब्ल्यू-187 की प्रति हेक्टेयर पैदावार 80 क्विंटल तक है। इसी प्रकार की कई अन्य वेरायटीज हैं।'
IIWBR) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिकइस साल मध्यप्रदेश में गेहूं की बुआई काफी ज्यादा हुई है और फसल भी अच्छी है। गेहूं की बुवाई में किसानों की ज्यादा दिलचस्पी की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी वजह है कि सरकारी खरीद लगातार बढ़ रही है जिससे किसानों को गेहूं का लाभकारी दाम मिलना सुनिश्चित हुआ है। पिछले सीजन में सरकारी एजेंसियों ने देशभर में किसानों से 389.83 लाख टन गेहूं तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,925 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा। इस साल गेहूं की फसल के लिए केंद्र सरकार ने एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
चालू फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में गेहूं की बुवाई 346 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हुई है जोकि पिछले साल से तकरीबन तीन फीसदी अधिक है। गेहूं की बुवाई सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 99 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है जबकि दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां गेहूं का रकबा इस साल पिछले साल से 8.30 लाख हेक्टेयर बढ़कर करीब 88 लाख हेक्टेयर हो गया है। पंजाब में 35 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 25 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में गेहूं की बुवाई हुई है। हरियाणा में रकबा थोड़ा बढ़ा है जबकि पंजाब में तकरीबन पिछले साल के बराबर है।
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