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नई दिल्ली: दुनिया भर में लगातार बढ़ रहे मंकीपॉक्स के मामलों के बीच ICMR ने कहा कि भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई भी रोगी नहीं पाया गया है। साथ ही आईसीएमआर ने आश्वासन दिया कि भारत किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) के अनुसार, 21 देशों में मंकीपॉक्स के मामले बढ़कर 226 हो गए हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि इनमें से ज्यादातर मामले 'गैर-स्थानिक' देशों से हैं - जहां पहले मंकीपॉक्स का पता नहीं चला है। इनमें यूएसए, यूके, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, कैनरी द्वीप, इज़राइल और स्विट्जरलैंड जैसे यूरोपीय संघ के देश शामिल हैं।
एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, डॉ अपर्णा मुखर्जी, वैज्ञानिक सी, आईसीएमआर ने कहा, "भारत इस बीमारी (संक्रमण) से लड़ने के लिए तैयार है क्योंकि यह यूरोप, अमेरिका और अन्य जैसे गैर-स्थानिक देशों में तेजी से फैल रहा है। हालांकि, भारत में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।"
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स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही मंकीपॉक्स के लिए दिशा-निर्देशों की घोषणा करेगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ही मंकीपॉक्स रोग को प्रबंधित करने से जुड़े दिशानिर्देश जारी करेगा। इनमें- आइसोलेशन, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, कॉन्टैक्ट मॉनिटरिंग, निवारक उपाय और जोखिम मूल्यांकन से संबंधित निर्देश होंगे। दिशानिर्देशों में अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए सलाह भी शामिल होगी, जिनके तहत उन्हें बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क और मृत या जीवित जंगली जानवरों जैसे कि कृन्तकों व गैर-मानव प्राइमेट (बंदर, वानर) सहित स्तनधारी और दूषित सामग्री के संपर्क में आने से बचना चाहिए। बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।"
ICMR: मंकीपॉक्स से लोग बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मुखर्जी ने उन लोगों को सलाह दी, जिनका उन देशों से यात्रा इतिहास है, जहां मंकीपॉक्स के मामलों का पता चला है, उन्हें किसी भी असामान्य लक्षणों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। मुखर्जी ने कहा, "हमें तेज बुखार, बहुत सारे लिम्फैडेनोपैथी, बड़े लिम्फ नोड्स, शरीर पर दर्द, चकत्ते, आदि असामान्य लक्षणों का निरीक्षण करना चाहिए।"
डॉ मुखर्जी ने कहा कि जो लोग लक्षणों का पता लगाते हैं, उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार घावों या श्वसन के नमूनों से निकलने वाले तरल पदार्थ से खुद का परीक्षण करवाना चाहिए।
मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों के प्रति सावधानियां
ICMR के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों को मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए, "लोगों को इस बीमारी से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह आमतौर पर बहुत निकट संपर्क से फैलता है। इसके लिए निर्धारित दिशानिर्देश हैं जो पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं।
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