प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज मुख्तार अंसारी मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट कल फिर इस मामले की सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बंदा जेल में न्याययिक हिरासत में बंद था। बिना कोर्ट की इजाज़त से उसे नहीं ले जाया जा सकता था। पंजाब ले जाने से पहले MP/MLA कोर्ट से भी इजाज़त नहीं दी गई थी।
आपको बता दें कि 22 जनवरी को मुख्तार को एक मामले में पंजाब में अदालत में पेश किया गया। उसके बाद से राज्य सरकार उसे वापस नहीं भेज रही। जबकि सीआरपीसी के तहत उसे वापस भेजा जाना चाहिए, बांदा जेल वापस भेजा जाना कानून के तहत अनिवार्यता है। तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब जेल मुख्तार अंसारी के घर जैसा है, 2 साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है पंजाब पुलिस ने मामले में कोई चार्जशीट नही दाखिल की है।
साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के वकील SG तुषार मेहता ने कहा कि 2005 से जेल में था लेकिन जेल से भी साम्राज्य को चला रहा था। पहले आरोपी अपने हिसाब से कोर्ट की तारीख पर पेश होते थे। कभी सुनवाई की तारीख आगे बढ़वा देते थे। इस तरह की सुविधा पहले उत्तर प्रदेश में अपरोधियों को दिया जाता था, लेकिन अब सभी आरोपियों को कोर्ट में समय पर पेश किया जाता है, यही वजह से अंसारी पंजाब से वापस नहीं आना चाहता।
उत्तर प्रदेश सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा उत्तर प्रदेश की स्पेशल कोर्ट लगातार मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश होने का समन जारी कर रहे है, लेकिन पंजाब पुलिस मुख्तार अंसारी को पेश नहीं कर रही है। साथ ही तुषार महत ने कहा 29 अप्रैल 2019 और 22 जून 2019 को पंजाब पुलिस ने कहा कोर्ट ने बताया कि उसकी सेहत नहीं सही है, लेकिन इसी बीच वह दिल्ली की कोर्ट में पेश हुआ था।
SG तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब पुलिस के मेडिकल सर्टिफिकेट देखिए कभी कहते हैं गला खराब है, कभी कहते हैं सीने में दर्द है। तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार सिर्फ यूपी की कोर्ट ही नहीं SC को भी गुमराह कर रहा है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्याय के हित में ज़रूरी है कि SC अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल करे और आरोपी को वापस यूपी भेजे, पंजाब में दर्ज मुकदमा भी यूपी ट्रांसफर हो। तुषार मेहता ने कहा, यह नहीं कहा जा सकता कि अनुच्छेद 32 की याचिका राज्य नहीं कर सकता। राज्य का मौलिक अधिकार नहीं होता पर उनका है जो इन मामलों के पीड़ित हैं।
वहीं पंजाव सरकार के वकील दवे ने कहा कि यह मामला इतना सामान्य नहीं है। यह सिर्फ अंसारी से जुडा नहीं है, बल्कि इस पर है कि एक राज्य दूसरे राज्य कि जेल में बंद आरोपी को राज्य में लाने को रिट याचिका दाखिल करती है।
हाथरस मामले का हवाला देते हुए पंजाब सरकार के वकील दवे ने कहा कि यूपी में गिरफ्तार केरल के पत्रकार को राज्य सरकार यूपी से ट्रांसफर करने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे, वो भी रिट याचिका तो यह असामान्य घटना है।
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