प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को हाथरस गैंगरेप मामले की चल रही जांच की निगरानी करने का आदेश दिया है। यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता सत्यम दुबे द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया था, जिसमें 19 वर्षीय दलित युवती के कथित सामूहिक बलात्कार की अदालत से निगरानी की मांग की गई थी, जिसकी 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई मामले की जांच करेगी। इसके साथ ही जांच पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट तय करेगा कि मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर होगा या नहीं। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "जहां तक केस को ट्रांसफर करने का संबंध है, जांच एजेंसी के लिए जांच पूरी करना उचित है।"
शीर्ष अदालत दलीलों के एक बैच पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें वकील-कार्यकर्ता इंदिरा जयसिंह सहित कई वकीलों ने उत्तर प्रदेश से दिल्ली में मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग की, उन्होंने अपनी आशंका व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष जांच संभव नहीं थी। ट्रायल को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने के सवाल पर कोई फैसला नहीं किया गया है, क्योंकि अभी सीबीआई की जांच जारी है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उन रिपोर्टों पर नाराजगी व्यक्त की, जिसमें बताया गया था कि कैसे पीड़ित परिवार के सदस्यों की सहमति के बिना कथित रूप से पीड़ित का अंतिम संस्कार किया गया था। इसने मामले का संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश के शीर्ष सरकार और पुलिस अधिकारियों को तलब किया। इसने पीड़ित के परिवार के सदस्यों को भी सुना है।
बता दें कि 20 साल की दलित युवती के साथ कथित तौर पर 4 सितंबर को हाथरस में चार सवर्णों युवकों ने बलात्कार किया था। दो सप्ताह बाद दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने परिजनों की मंजूरी के बिना युवती का रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसपर देश में बवाल मच गया था।
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