नई दिल्ली: सीबीआई ने हाथरस केस में 20 वर्षीय दलित युवती से बलात्कार और बर्बरता की जांच शुरू कर दी है, जिसका पिछले महीने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया था। सीबीआई अधिकारियों के एक दल ने आज दोपहर पीड़ित लड़की के गांव का दौरा किया।
सीबीआई की टीम ने गांव में बाजरे के खेत का दौरा किया, जहां पीड़ित के भाई के अनुसार आरोपी ने 20 वर्षीय युवती का गला घोंटने की कोशिश की। पीड़िता की मां, जोकि बीमार थी उसको भी सीबीआई अधिकारियों द्वारा घटना स्थल पर ले जाया गया। जब अस्पताल से एम्बुलेंस में घर लौट रही थी।
सीबीआई के अधिकारी एक फोरेंसिक विशेषज्ञ, पुलिसकर्मियों और पीड़ित के भाई के साथ उस जगह पर पहुंचे, जहां पर वारदात को अंजाम दिया गया था। टीम का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक सीमा पाहुजा कर रही हैं, जिन्होंने पिछले दिनों शिमला बलात्कार-हत्या मामले को संभाला है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 30 सितंबर को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था, जिसे सात दिनों में अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी थी। बाद में इसे 10 दिनों का और समय दे दिया गया। हालांकि, मामले को सीबीआई ने अपने कब्जे में ले लिया है और रविवार को पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की।
सीबीआई ने हाथरस मामले में धारा 376-डी (सामूहिक बलात्कार), 307 (हत्या का प्रयास) और 302 (हत्या) और आईपीसी की धारा 3 के तहत एससी/एसटी अधिनियम (अत्याचार के अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की।
हाथरस मामले को लेकर राज्य सरकार और यूपी पुलिस की भारी आलोचना हुई है। उस आलोचना का एक बड़ा हिस्सा पहले तो युवती का सही से इलाज नहीं कराने का रहा और दूसरा उसकी मौत के बाद मामले को रफा-दफा करने का भी है। पुलिस ने युवती की मौत के बाद उस शव का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में बिना परिवार की सहमति के कर दिया था, जिसने मामले में तूल पकड़ा।
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