नई दिल्लीः देश को झकझोर देने वाले हाथरस गैंगरेप मामले में जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। एसआईटी सुनवाई के दौरान इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पेश कर सकती है। हाईकोर्ट में सोमवार को हाथरस कांड को लेकर सुनवाई होनी है, जहां यूपी सरकार को अपना पक्ष रखना है। अब एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर ही स्थानीय डीएम पर एक्शन लिया जा सकता है।
हाथरस कांड पर सोमवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी है। इस दौरान गृह सचिव तरुण गाबा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की ओर से हलफनामा दाखिल किया जाना है।
जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित युवती से गैंगरेप हुआ था, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 29 सितंबर को युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार किया। इसी दौरान स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हुए थे और कुछ लोगों को सस्पेंड भी किया गया था। इस मसले पर काफी राजनीतिक बवाल हुआ था, जिसके बाद यूपी सरकार ने पूरे केस की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी।
हाथरस कांड पर गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में एसआईटी बनाई गई थी, जिसने हर पहलू की जांच की। शुरुआत में एसआईटी को जांच के लिए सात दिन का वक्त मिला था, लेकिन उसके बाद दस दिन अधिक दिए गए। अब जाकर SIT ने अपनी जांच पूरी की है और सरकार को रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि, अब हाथरस कांड की पूरी जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम अबतक पीड़ित परिवार, आरोपियों के परिवार से पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा सीबीआई ने कई बार घटना वाली जगह का भी दौरा किया है।
इस घटना के बाद तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन पर भी निशाना साझा था। पुलिस के अंतिम संस्कार करने के निर्णय की देशभर में आलोचना हुई, जिसके बाद योगी सरकार हरकत में आई और एसआईटी गठित कर जांच का आदेश दिया था।
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