नई दिल्ली: लव जिहाद के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार जबरन या "बेईमान" धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है, जिसको जल्द ही कानून में बदल दिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन अध्यादेश, 2020 के गैरकानूनी धर्मांतरण को राज्यपाल की मंजूरी के साथ जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्तव ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली राज्य कैबिनेट ने इस सप्ताह की शुरुआत में विवाह के लिए जबरन या "बेईमान" धार्मिक धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी थी, जो उल्लंघन करने वालों को 10 साल तक जेल में डाल सकता है।
इसके अनुसार, उस विवाह को स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिसमें महिला का धर्म परिवर्तन केवल शादी के लिए कराया गया हो। वहीं विवाह के बाद अपने धर्म को बदलने की इच्छा रखने वालों को जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करना होगा।
हाल के हफ्तों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा-संचालित राज्यों ने विवाह की आड़ में हिंदू महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के कथित प्रयासों के खिलाफ कानून बनाने की योजना का खुलासा किया है, जिसे पार्टी के नेता अक्सर 'लव जिहाद' के रूप में संदर्भित करते हैं।
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