नई दिल्लीः सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए कृषि उपकरण वाहनों पर नए उत्सर्जन मानदंडों की सीमा बढ़ा दी है। मतलब ये कि नए मानक के ट्रैक्टर या अन्य निर्माण उपकरण वाहन पर अभी और मोहलत मिल गई है। आपको यहां बता दें कि देश में चलने वाली गाड़ी या मशीनरी का एक उत्सर्जन मानक होता है। इसे सरकार तय करती है। इसका उद्देश्य वाहनों द्वारा उत्सर्जित किये जाने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना होता है।
हाल ही में देशभर में कार समेत अन्य वाहनों के लिए बीएस 6 उत्सर्जन मानक लागू किया गया है। अब सरकार की ओर से कृषि मशीनरी (ट्रैक्टर, पावर टिलर और कम्बाइंड हार्वेस्टर) और निर्माण उपकरण वाहनों के लिए अलग उत्सर्जन नियम लागू किया जाना है।
- की गई थी अपील
मंत्रालय को इस संबंध में कृषि मंत्रालय, ट्रैक्टर विनिर्माताओं और कृषि संघों से अनुरोध प्राप्त हुआ था। यही वजह है कि फैसला लिया गया है। बयान के मुताबिक ये संशोधन, अन्य मोटर वाहनों के उत्सर्जन मानदंड (जो बीएस के मानदंड से है) और कृषि मशीनरी, निर्माण उपकरण वाहनों के अलावा ऐसे ही अन्य उपकरणों के लिए प्रदूषण मानकों के बीच भ्रम से बचाने का भी प्रयास करता है। संशोधन में कृषि मशीनरी (कृषि ट्रैक्टर, पावर टिलर और संयुक्त हार्वेस्टर) और निर्माण उपकरण वाहनों के लिए अलग-अलग उत्सर्जन मानदंड शामिल हैं।
- कितने दिन की मोहलत
ट्रैक्टरों के लिए नए उत्सर्जन मानदंड की डेडलाइन अक्टूबर 2021 है, जबकि निर्माण उपकरण वाहनों की नई डेडलाइन अप्रैल 2021 है। पहले ये मानदंड इसी अक्टूबर से लागू होने थे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रालय ने सीएमवीआर 1989 में संशोधन को अधिसूचित किया है, जिसमें ट्रैक्टरों (टीआरईएम स्टेज- IV) के लिए उत्सर्जन मानदंडों के अगले चरण को लागू करने की तिथि बढ़ा दी गई है।
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