नई दिल्लीः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को परमिट राज से मुक्ति दिलाने और नई नौकरियां पैदा करने को लेकर मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में नेशनल रेस्टोरेंट आसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के साथ एक अहम बैठक की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन के कुछ सुझावों को शीघ्र लागू करने के लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही, दिल्ली सरकार जो नई एक्साइज पॉलिसी बनाने जा रही है, उसमें रेस्तरां इंडस्ट्री के दिए गए कुछ सुझावों को भी शामिल करने पर फैसला किया गया।
केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में रेस्तरां इंडस्ट्री से लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा है। साथ ही इस इंडस्ट्री से बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकता है। इस कारण दिल्ली में हमने इस इंडस्ट्री की राह में आने वाली अड़चन को दूर करना शुरू कर दिया है। कई साल से चले आ रहे परमिट राज को खत्म कर रेस्तरां संचालन की व्यवस्था को सबसे बेहतर बनाने की दिशा में और भी जितने कदम उठाने आवश्यक होंगे, वह दिल्ली सरकार करेगी।
दिल्ली सचिवालय में आज सुबह हुई बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को लाइसेंस राज से मुक्ति दिलाने को लेकर एनआरएआई, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया। बैठक में एनआरएआई ने पिछले कई साल से रेस्टोरेंट कारोबार में आ रही समस्याओं को बिंदुवार रखा। एनआरएआई का कहना था कि दिल्ली में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के क्षेत्र में कारोबार करने में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। उन्हें वैध तरीके से रेस्टोरेंट चलाने के लिए करीब 35 तरह के लाइसेंस लेंने की जरूरत पड़ती है।
रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि नगर निगम भी रेस्टोरेंट संचालक के लिए एक हेल्थ ट्रेड लाइसेंस जारी करता है, जिसे खत्म करने की जरूरत है। उनका कहना है कि इसी संबंध में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आँफ इंडिया (एफएसएसएआई) भी लाइसेंस लाइसेंस जारी करती है और एफएसएसएआई ने नगर निगमों को पत्र लिखा है कि नगर निगम द्वारा लाइसेंस जारी करने का औचित्य नहीं है, क्योंकि वह खुद रेस्टोरेंट की खाद्य सुरक्षा को खुद प्रमाणित करते हैं।
रेस्तरां संचालकों की मांग पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बैठक में मौजूद एमसीडी के कमिश्नर और अधिकारियों को समीक्षा करके इसे 10 दिन के अदंर खत्म करने के निर्देश दिए। रेस्तरां संचालकों का कहना था कि दिल्ली इकलौता राज्य है, जहां रेस्टोरेंट संचालकों को पुलिस विभाग से ईटिंग हाउस लाइसेंस लेना पड़ता है। रेस्टोरेंट खुदरा व्यापार का एक हिस्सा है और खुदरा प्रतिष्ठान को पुलिस से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेस्तरां संचालकों को आश्वासन दिया कि इस मामले में उपराज्यपाल से विचार-विमर्श करेंगे।
कैबिनेट ने पूर्व में एक आदेश दिया था कि पर्यटन विभाग भी रेस्टोरेंट संचालक के लिए एक लाइसेंस जारी करेगा, इससे रेस्टोरेंट संचालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सीएम ने इसे शीघ्र समाप्त करने का निर्देश दिया है। रेस्टोरेंट संचालकों को अब छह महीने में उत्पाद शुल्क ब्याज सहित देना पड़ता था। रेस्तरां संचालकों का सुझाव था कि इसमें ढील दी जाए, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसके बाद सीएम ने उत्पाद शुल्क को 31 मार्च तक जमा करने की छूट देने का फैसला किया है और उत्पाद शुल्क को बिना किसी ब्याज के तिमाही जमा करने की अनुमति दी गई है।
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