नई दिल्ली: गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित श्मशान घाट में रविवार को हुए दर्दनाक हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या 25 हो गई है। इस मामले में प्रशासन ने ठेकेदार, नगरपालिका की कार्यपालन अधिकारी समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस मामले में अबतक तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है। ईओ समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि ठेकेदार अब भी फरार बताया जा रहा है।
गाजिबाद पुलिस ने मुरादनगर नगरपालिका के ईओ निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि आरोपी ठेकेदार अब भी फरार है। ये हैं वो लोग जिनकी लापरवाही गाजियाबाद के मुरादनगर में दो दर्जन से ज्यादा जिंदगियों पर भारी पड़ गई। गाजियाबाद पुलिस ने इन चारों समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
ये हदास उस वक्त हुआ जब लोग श्माशान घाट में एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार के लिए वहां पहुंचे थे। दरअसल दयानंद कॉलोनी निवासी दयाराम की शनिवार की रात बीमारी के चलते मौत हो गई थी। रविवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन मुरादनगर स्थित एक श्मशान घाट पहुंचे। अंतिम संस्कार में रिश्तेदार और आसपास के तकरीबन 100 लोग घाट पर पहुंचे थे। सुबह से हो रही बारिश के कारण लोग श्मशान घाट परिसर में बने भवन के अंदर खड़े थे। तभी अचानक जमीन धंसने से दीवार बैठ गई और छत भरभराकर गिर गई।
बताया जा रहा है कि श्मशान घाट गैलरी के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। इसकी शिकायत लोगों ने नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों से की थी। इतना ही नहीं घटिया सामग्री का आरोप लगाकर पूर्व पालिकाध्यक्ष के पति ने निर्माण कार्य भी रोका था।
अक्टूबर महीने में पिलर खड़े करके उन पर लेंटर डाला गया। कुछ समय पहले ही लेंटर से शटरिंग हटाई गई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैलरी 50 फीट लंबी और 23 फीट चौड़ी बनाई गई थी। लेंटर डालने के लिए जो पिलर बनाए गए तो उसका बेस कमजोर था। इस कारण रविवार सुबह से हो रही बारिश का पानी नींव में चला गया और पिलर गिर गए।
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