नई दिल्ली: पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का आज 86 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद रहे बूटा ने गृह, कृषि, रेल, खेल और दूसरे कार्यभार संभाले। इसके अलावा उन्होंने बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पिछले साल अक्टूबर से कोमा में थे, जब उन्हें ब्रेन हेमरेज होने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार ने कहा कि उनकी की मृत्यु सुबह लगभग 5.30 बजे हुई थी। नेता के बेटे अरविंदर सिंह लवली सिद्धू ने अपने पिता के निधन की सूचना फेसबुक पर दी। उन्होंने लिखा, "मेरे पिता, बूटा सिंह का आज सुबह निधन हो गया।"
1977 में जनता पार्टी की लहर के चलते कांग्रेस बुरी तरह से हार गई थी। इसके बाद पार्टी विभाजित भी हो गई थी। तब बूटा सिंह ने इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस के इकलौते राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत के बाद पार्टी को 1980 में फिर से सत्ता में लाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी। बूटा 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है। पीएम ने ट्वीट किया, ‘बूटा सिंह जी एक अनुभवी प्रशासक थे। गरीबों के कल्याण के लिए उन्होंने मजबूती से आवाज उठाई। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता के निधन पर दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। गहलोत ने ट्विटर पर लिखा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व सांसद बूटा सिंह जी के निधन के बारे में जानकारी मिलने से दुख हुआ। इस कठिन समय में उनके परिवार के सदस्यों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना। भगवान उन्हें इस नुकसान को सहन करने की शक्ति दे सकते हैं।उनकी आत्मा को शांति मिले।''
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