रमन झा, नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन (Jaswant Singh Death) हो गया है। जसवंत सिंह ने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वो पिछले छह साल से कोमा में थे। जसवंत सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। जसवंत सिंह विदेश मंत्री, रक्षामंत्री और वित्त मंत्री रह चुके थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जसवंत सिंह को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि जसवंस सिंह को राजनीति और समाज पर उनके अनोखे नजरिए के लिए याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, 'जसवंत सिंह जी ने पहले एक सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति के साथ अपने लंबे जुड़ाव के दौरान देश की सेवा पूरी मेहनत से की। अटल जी की सरकार के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा और बाहरी मामलों की दुनिया में एक मजबूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।'
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। राजनाथ दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया और उसमें लिखा, 'श्री जसवंत सिंह जी को राष्ट्र के लिए उनके द्वारा किए गए काम को लेकर याद किया जाएगा। राजस्थान में बीजेपी की स्ट्रेंथ को बढ़ाने में उनका अहम योगदान रहा। उनके परिवार को मेरी ओर से संवेदनाएं। ओम शांति।'
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, 'पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। सैन्य अधिकारी व एक कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने देश की उत्कृष्ट सेवा की। दोनों ही भूमिकाओं में उनकी सूझबूझ ने देश को अनेक बार विषम परिस्थितियों से बाहर निकाला। शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।'
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा, 'जसवंत सिंह जी के निधन से बेहद दुखी हूं। उन्होंने सैनिक और फिर राजनेता के तौर पर देश की सेवा की। मेरी संवेदनाएं उनके चाहते वालों और समर्थकों के साथ हैं।'
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी जसवंत सिंह के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, जसवंत सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वे पूरी जिंदगी देश के लिए काम करते रहे। चाहे वे सरकार में हों या नहीं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
आपको बता दें कि 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।
जसवंत सिंह पिछले 6 सालों से कोमा में थे। 8 अगस्त 2014 को घर में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली में सेना के अनुसंधान और रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से वह कोमा की स्थिति में थे। तब से लेकर अबतक उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं था। जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह ने यह बताया था कि उनके पिता कभी-कभी आंख जरूर खोलते थे लेकिन कुछ बोल नहीं पाते थे।
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