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नई दिल्ली: एक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) ने खुलासा किया कि 66 प्रतिशत पुरुषों और 80 प्रतिशत महिलाओं का मानना था कि पत्नी के लिए संबंध बनाने से इनकार करना ठीक है।
संबंध बनाने से इनकार करने के कई कारण हो सकते हैं, जैसें साथी को यौन संचारित रोग हो, या उसका कोई अन्य साथी हो, या सिर्फ इसलिए कि वह नहीं चाहती या फिर वह थकी हुई है। हालांकि, यहां लोगों की अलग राय हो सकती है, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में लोग मानते हैं कि महिलाएं शादी के बाद सेक्स से इंकार नहीं कर सकती हैं।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, '8 प्रतिशत महिलाओं और 10 प्रतिशत पुरुषों का मानना है कि पत्नी इन मुद्दों या किसी अन्य कारण से सेक्स से इंकार नहीं कर सकती है।'
एनएफएचएस सर्वेक्षण में महिला सशक्तिकरण अनुभाग में प्रश्न पूछे गए थे। 'पति के साथ सुरक्षित यौन संबंधों की बातचीत के प्रति दृष्टिकोण' शीर्षक वाले सेक्शन ने लैंगिक समानता को सक्षम तरीके से देखने के लिए एक रिश्ते में सहमति के महत्वपूर्ण कारक के बारे में बात की।
पत्नी की पिटाई को जायज मानते हैं देश के लगभग आधे लोग
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 15-49 वर्ष की आयु वर्ग के लोग थे। इसी सर्वे में यह भी सामने आया कि 45 फीसदी महिलाओं और 44 फीसदी पुरुषों का मानना था कि पति का अपनी पत्नी को पीटना जायज है। कारणों में उसे बताए बिना घर से बाहर जाना, बच्चों की उपेक्षा करना, घरेलू कर्तव्यों की उपेक्षा करना, उससे बहस करना, सेक्स करने से मना करना, ठीक से खाना न बनाना, ससुराल वालों का अनादर करना या व्यभिचार का संदेह होना शामिल हैं।
वैवाहिक जबरदस्ती के अपराधीकरण पर दिल्ली उच्च न्यायालय की सुनवाई के दौरान, भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अपवाद 2 की संवैधानिकता पर सवाल उठाते हुए, केंद्र ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने से इनकार कर दिया। सरकार ने आईपीसी प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा।
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