नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों को लेकर 72वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी रहा है। शनिवार को किसानों ने कई राज्यों में चक्का जाम कर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि 2 अक्टूबर तक कानून वापस नहीं लिया तो आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा।
आगे उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ किसी दबाव में बातचीत नहीं करेंगे, जब प्लेटफॉर्म बराबरी का होगा, तब बातचीत होगी। या तो सरकार हमारी बात सुन ले, नहीं तो अगला आंदोलन ये होगा कि जिसका बच्चा फौज-पुलिस में होगा, उसका परिवार यहां रहेगा और उसका पिता उसकी तस्वीर लेकर यहां पर बैठेगा। कब तस्वीर लेकर आनी है, ये भी मैं बता दूंगा। सरकार के साथ हम किसी भी दबाव में बात नहीं करेंगे।
टिकैत ने आगे कहा, 'या तो सरकार बिल वापस ले, एमएमसपी पर कानून बना दे, नहीं तो ये आंदोलन जारी रहेगा और हम देश में यात्रा करेंगे। पूरे देश में गैर राजनीतिक आंदोलन होगा। फिर में यह मत कहिएगा कि कैसा आंदोलन है। सरकार पर निशाना साधता हुए टिकैत ने कहा, 'तिरंगे को हम मानते हैं, हमारे बच्चों की शहादत होती तिरंगे में होती है, गांव में इसमें लिपटे आते हैं।
तिरंगे का अपमान सहन नहीं होगा। इनको देश से लगाव नहीं है, व्यापारी से लगाव है। इनको किसान से लगाव नहीं है, उसके अनाज से लगाव है। इनको मिट्टी से लगाव नहीं हो, इनको अन्न से लगाव है। ये कील बोएंगे, हम अनाज बोएंगे। उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्त के साथ बातचीत नहीं होगी।
जब प्लेटफॉर्म बराबर होगा, तो बात होगी। कोई ट्रैक्टर यहां लेकर आ रहा है तो नोटिस भेजे जा रहे हैं। ये कहां का कानून है कि ट्रैक्टर नहीं चलेगा।' बता दें कि आंदलोनकारी किसानों ने आज 3 घंटे तक हाईवे पर चक्का जाम किया।
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