रमन झा, नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के वापस लेने की मांग कर रहे किसानों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों के इस भारत बंद को लगभग सभी विपक्षी दलों ने समर्थन देने का ऐलान किया है। विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, संसद में बिना वोटिंग व चर्चा के जल्दबाजी में पास कराए गए कृषि कानून भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ये हमारे किसानों व कृषि को तबाह करने वाले हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए हमारे अन्नदाता किसानों की मांगें माननी चाहिए। तकरीबन 24 विपक्षी दल, कई ट्रेड यूनियन और ट्रांसपोर्ट यूनियन ने समर्थन का ऐलान किया है।
इस किसान प्रतिनिधियों ने इस आंदोलन को संमर्थन देने के लिए सभी पार्टियों को शुक्रिया कहते हुए साफ किया है कि आंदोलन के दौरान उनके मंच पर किसी राजनीतिक दल के नेताओं को उनके मंच पर आने की अनुमति नहीं होगी। जो लोग इस आंदोलन में शामिल होने चाहते हैं वो अपना झंडा और बैनर छोड़कर इस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं।
आपको बता दें किसानों के भारत बंद को 24 विपक्षी दलों और संगठनों ने समर्थन दिया है। इनमें कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के अलावा अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं। वहीं बीजेपी शासित राज्यों ने कहा है कि उनके राज्य में भारत बंद नहीं होगा।
इन दलों के भारत बंद का समर्थन किया है
1 - कांग्रेस, 2- राजद, 3- आम आदमी पार्टी, 4- सपा, 5- बीएसपी, 6- शिवसेना, 7- अकाली दल, 8- भाकपा-माले, 9- माकपा, 10- डीएमके, 11- सीपीआई, 12- एनसीपी, 13- जेएमएम, 14- गुपकार गठबंधन, 15- टीएमसी, 16- टीआरएस, 17- एआईएमआईएम, 18- पीडब्ल्यूपी, 19- बीवीए, 20- आरएसपी, 21- एफबी, 22- एसयूसीआई (सी), 23- स्वराज इंडिया, 24- जेडीएस।
वहीं केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे दलों पर किसानों के नाम पर सियासी रोटी सेकने का आरोप लगाया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अपना अस्तित्व बचाने के लिये भाजपा के विरोधी दल किसानों के प्रदर्शन में कूद पड़े हैं जबकि विभिन्न चुनावों में देश की जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों का एक वर्ग निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों के चंगुल में है और सरकार सुधारों को लेकर उनके बीच फैलाये गए भ्रम को दूर करने पर काम कर रही है।
इस बीच किसानों के इस भारत बंद से पहले हरियाणा के कुछ संगठनों ने सोमवार शाम केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इन किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का समर्थन किया। किसान संगठनों ने इस संबंध में कृषि मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें नए कानूनों को रद्द नहीं करने की मांग की गई। हरियाणा के प्रगतिशील किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की।
आपको बता दें पिछले 13 दिनों से सड़कों पर हैं। 26 नवंबर से किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जमे हुए हैं और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बड़ी तादाद में किसान सिंघु, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं और ये बॉर्डर पहले से ही बंद है। इस बीच 9 दिसंबर को होने वाले छठे दौर की बैठक से पहले किसानों ने सरकार पर दवाब बढ़ाने की रणनीति के तहत और देशव्यापी बंद का ऐलान किया है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.