कुंदन सिंह, नई दिल्ली: कृषि कानून पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव देने के बाद किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग की, जिसमें सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों को मीटिंग में कहा कि सरकार एक से डेढ़ साल तक नए कानूनों को लागू नहीं करेगी और एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था।
नरेंद्र तोमर ने किसानों ने कहा था कि नए कृषि कानूनों में सुधारों के लिए एक कमेटी का गठन किया जा सकता है और जब तक यह कमेटी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती है, तब तक कानूनों पर रोक लगी रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को सरकार की इस बात पर भरोसा नहीं है तो केंद्र सरकार इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देने को तैयार है।
इसके बाद किसान संगठनों ने सरकार के कहा था कि वह इस बारे में 21 जनवरी को एक मीटिंग करेंगे, जिसमें यह तय किया जाएगा कि आखिरकार सरकार की इस शर्त को माना जाए या नहीं। इसके साथ ही सरकार और किसान संगठनों के बीच एक बार फिर 22 जनवरी को वार्ता होनी है।
सरकार ने नहीं दी ट्रैक्टर रैली की इजाजत
सरकार ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर भी ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की अनुमति से इनकार किया है। वहीं किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली करने को लेकर अभी भी अड़े हुए हैं।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर ही होगी परेड, अगर रास्ता नहीं मिला तो बेरिकेडस तोड़ने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा है कि 26 जनवरी को दिल्ली के रिंग रोड पर परेड एवं प्रदर्शन शांति के साथ करेंगे। सरकार शराफत से रास्ता दे दे। हमारी विनती व अधिकार है कि ट्रैक्टरों से परेड करने की अनुमति मिले। वरना ऐसा न हो कि बैरिकेड तोड़ने पड़े।
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