नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। किसान सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं। इधर नोएडा में भी किसानों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसानों से कल दोबारा बातचीत होगी। उन्होंने कहा, देखते हैं मुद्दों को किस हद तक हल किया जा सकता है।
इस बीच क्रांतिकारी किसान यूनियन भी आंदोलन में शामिल हो गया है। यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल का कहना है कि 5 दिसंबर को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के विरोध में पूरे देश में पुतले जलाने का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विशेष संसद सत्र बुलाना चाहिए।
इधर नोएडा में जुट रहे किसानों को प्रशासन ने महामाया फ्लाईओवर रोड से डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क तक किसानों को विरोध प्रदर्शन करते हुए शिफ्ट कर दिया है। नोएडा के डीसीपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि चूंकि प्रदर्शनकारी ट्रैफ़िक जाम की वजह से सड़क पर बैठे थे, इसलिए हम उन्हें यहां शिफ्ट करना चाहते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के अध्यक्ष स्वराज सिंह का कहना है कि हम सड़क पर नहीं बैठे थे। प्रशासन ने बैरिकेड्स और जवानों का उपयोग कर हमारे रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था, इसलिए हम रुक गए।
हम इस जगह को अस्थायी जेल मानते हैं और यहां गिरफ्तारी के रूप में कैद है। हम दिल्ली जाएंगे। वहीं, किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रांसपोर्टर भी उतर आए हैं। ट्रांसपोर्टरों ने 8 दिसंबर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है। ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बुधवार को उत्तर भारतीय राज्यों में और बाद में पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही को रोकने की चेतावनी दी।
करीब 1 करोड़ माल वाहक ट्रक ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च ट्रांसपोर्ट बॉडी ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने किसानों के विरोध के समर्थन में 8 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का आह्वान किया है।
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